
गर्दन झुकाकर मोबाइल देखने से ब्लड सर्कुलेशन पर असर, बालों की जड़ें कमजोर होती
वात, पित्त और कफ तीन तरह की प्रकृति होती है। आयुर्वेद के अनुसार 45 वर्ष के बाद पित्त प्रकृति के लोगों में गंजापन सामान्य प्रक्रिया है। यह बीमारी नहीं है। कई बार इलाज से भी लाभ नहीं मिलता लेकिन वात, कफ प्रकृति के लोगों में इलाज से रोकना संभव होता है।
ज्यादा साबुन-शैंपू लगाकर धोने से बाल कुछ समय के लिए मुलायम होते हैं लेकिन डैमेज भी होते हैं। साबुन-शैंपू 7-15 दिन में लगाएं। बाल शिकाकाई, रीठा, त्रिफला, दूध या छाछ से धोएं। गर्म-ठंडे पानी की जगह सामान्य पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
बिस्तर पर या फिर नहाते समय बाथरूम में, कंघों में यदि बाल दिख रहे हैं तो सचेत हो जाएं। प्रतिदिन 10-20 बाल झड़ रहे हैं तो परेशान न हों। आयुर्वेद में कहा गया है कि पूरे शरीर से 100 बाल झडऩा सामान्य है। लेकिन इससे अधिक सिर के बाल झड़ रहे हैं तो एक्सपर्ट को दिखाकर इलाज लेना चाहिए।
बालों में अधिक शैंपू-तेल का इस्तेमाल, कलर और स्ट्रेट करवाने से भी बाल कमजोर होते हैं। अधिक मात्रा में नींबू-नमक का उपयोग, सुबह गरम पानी-शहद लेना, सिर की मालिश न करना, स्मोकिंग, नींद की कमी आदि। तेल लगाकर नहीं छोड़े, धूल आदि चिपकते हैं।
शीर्षासन उत्तम आसन है। इससे सिर वाले हिस्से को पर्याप्त ब्लड मिलता है। पैर छूकर प्रणाम करने के पीछे भी यह वजह है। इसके अलावा जो आसन ब्लड सर्कुलेशन सिर की तरफ बढ़ाते हैं उनसे लाभ मिलता जैसे पश्चिमोत्तासन, पवनमुक्तासन आदि।
मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने और नीचे देखकर काम करने वाले लोगों को यह समस्या अधिक होती है। इसकी वजह मोबाइल पर घंटों नीचे देखने से सिर में ब्लड सर्कूलेशन घटता है। बालों को पोषक तत्व नहीं मिल पाता है।
जब बाल झडऩा शुरू हों तबसे ही इलाज भी होना चाहिए क्योंकि एक बार बाल पूरी तरह से झडऩे के बाद दोबारा नहीं आते हैं। गंजापन होने के बाद इलाज लेते भी हैं तो बालों के आने की संभावना न्यूनतम रहती है। यह प्राण निकलने के बाद किसी को फिर से जिंदा करने की कोशिश करने जैसा होगा।
आयुर्वेद के अनुसार रोजाना केवल चार बूंद तेल ही लगाना चाहिए। इसको ऐसे सिर में लगाएं कि इसे धोने के लिए शैंपू-साबुन की जरूरत नहीं पड़े। तेल बालों पर नहीं बल्कि उनकी जड़ों में लगाना चाहिए। इससे ही मजबूती आती है। तेल रात में सोने से पहले या सुबह नहाने से आधा घंटे पहले भी लगा सकते हैं। तेल लगाकर घूमने से धूल आदि के संपर्क में आने से डैंड्रफ और बाल कमजोर होते हैं।
हर व्यक्ति को अपनी प्रकृति के अनुसार ही तेल का प्रयोग करना चाहिए। गलत तेल लगाने से भी बाल झड़ते हैं। अगर प्रकृति पता नहीं है तो शुद्ध नारियल का तेल लगाएं। बादाम, तिल, मूंगफली का तेल भी लगा सकते हैं। जिनकी स्किन ऑयली है, वे पतला तेल और जिनकी स्किन रूखी है वे गाढ़े तेल का प्रयोग करें।
1. नारियल (कच्चा बेहतर) का एक टुकड़ा रोज खाएं। गुड़, किशमिश, घी, खजूर भी खाएं।
2. डैंड्रफ की समस्या है तो छाछ से बालों को धोएं। फिर गुनगुने पानी से धो लें।
3. सफेद बाल काले करने के लिए काली मिट्टी को लोहे के बर्तन में डालें। फिर एक सप्ताह तक गन्ने का रस डालते रहें और मेहंदी के साथ मिलाकर लगाएं।
4. गुड़हल के फूल और तिल के तेल को एकसाथ उबालकर घर पर भी तेल बना सकते हैं।
5. पुरुषों में गंजापन है तो उस हिस्से पर अमरूद के पत्ते हल्के हाथों से रगड़ें, लाभ मिलेगा।
डॉ. हरीश पाटनकर, वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ, पुणे
Published on:
29 Nov 2019 06:49 pm
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