
Pica disorder and schizophrenia : मरीज चम्मच और ब्रश खाता है, विशेषज्ञ इसे पिका विकार और सिज़ोफ्रेनिया से जोड़ रहे हैं ( Image Source: @RHoneykumar )
Pica disorder and Schizophrenia : उत्तर प्रदेश के हापुड़ से आई एक खबर ने पूरे देश को चौंका दिया है। एक मरीज के पेट से 29 चम्मच, 19 टूथब्रश और 2 पेन जैसे दर्जनों सामान निकाले गए, जिससे डॉक्टर भी हैरान रह गए। पहली नजर में यह कहानी किसी सनसनीखेज फिल्म का हिस्सा लगती है, लेकिन इसके पीछे छिपा है एक गहरा और अनदेखा सच मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा। यह घटना हमें बताती है कि मानसिक बीमारियां कितनी गंभीर हो सकती हैं और कैसे एक इंसान को खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए मजबूर कर सकती हैं।
हापुड़ में जिस आदमी के साथ यह घटना हुई, उसका नाम सचिन है और वह नशे का आदी था। परिवार की परेशानी के बाद उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया। लेकिन, असली समस्या नशे से भी कहीं ज्यादा गहरी थी। डॉक्टरों के मुताबि यह कोई सामान्य नशा नहीं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक समस्या थी, जिसमें व्यक्ति खुद को नुकसान पहुंचाने लगता है। अक्सर ऐसे लोग जो मानसिक रूप से परेशान होते हैं, वे अजीबोगरीब चीजें खाते हैं या अपने शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। यह एक तरह से उनकी मानसिक पीड़ा को शारीरिक रूप से व्यक्त करने का तरीका होता है।
मनोवैज्ञानिक समस्याएं यानी मेंटल हेल्थ कंडीशंस मन और व्यवहार से जुड़ी बीमारियां हैं। इनमें तनाव (Stress), डिप्रेशन, एंग्ज़ाइटी और फोबिया जैसी आम समस्याएँ शामिल हैं। लेकिन कुछ गंभीर समस्याएं भी होती हैं, जैसे पर्सनैलिटी डिसऑर्डर और सिजोफ्रेनिया, जो व्यक्ति की सोच, भावनाओं और व्यवहार को पूरी तरह बदल देती हैं। सचिन का मामला इसी तरह की किसी गंभीर समस्या का संकेत देता है, जहां उसने गुस्से और निराशा में खुद को इतना नुकसान पहुंचाया।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
दिमागी रसायन का असंतुलन: हमारे दिमाग में कुछ रसायन होते हैं, जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर कहते हैं। जैसे डोपामाइन और सेरोटोनिन। इनका संतुलन बिगड़ने पर मूड और व्यवहार में बदलाव आ सकता है।
गलत सोच: लगातार नकारात्मक विचार और ख़ुद को नुकसान पहुंचाने का पैटर्न भी एक बड़ा कारण है।
आसपास का माहौल: बचपन के बुरे अनुभव, रिश्तों की समस्याएं या लगातार तनाव भी मानसिक समस्याओं को जन्म दे सकते हैं।
यह समझना जरूरी है कि ये समस्याएं सिर्फ मन का वहम नहीं हैं, बल्कि यह एक तरह की बीमारी है, जिसका इलाज जरूरी है। अमेरिका के नेशनल अलायंस ऑन मेंटल इलनेस (NAMI) के अनुसार, हर 5 में से 1 वयस्क को हर साल किसी-न-किसी मनोवैज्ञानिक समस्या से गुजरना पड़ता है।
आपको बता दें की राजस्थान के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के डॉक्टरों ने एक हैरान कर देने वाला ऑपरेशन किया था । उन्होंने एक 14 साल की लड़की के पेट से दुनिया की सबसे लंबी बालों की गांठ निकाली। ये गांठ करीब 210 सेंटीमीटर लंबी थी, जो अब तक के 180 सेंटीमीटर के रिकॉर्ड से भी बड़ी निकली।
लड़की, जो आगरा जिले के बरारा गांव की रहने वाली है किसान परिवार से आती है और अभी 10वीं कक्षा की छात्रा है। दरअसल उसे बचपन से ही मिट्टी, लकड़ी के टुकड़े, चॉक और धागा खाने की अजीब आदत थी। ये आदत उसने छठी कक्षा में अपने दोस्तों को देखकर शुरू की थी। धीरे-धीरे ये आदत इतनी बढ़ गई कि पेट में बालों और दूसरी चीजों की भारी गांठ बन गई। पेट में बालों की गांठ बनने की बीमारी को ट्राइकोबेज़ोआर कहते हैं। यह एक मानसिक समस्या है जिसमें व्यक्ति खाने की बजाय अजीब चीज़ें खाने लगता है, जैसे – मिट्टी, चॉक, धागा, लकड़ी या बाल
Updated on:
25 Sept 2025 03:58 pm
Published on:
25 Sept 2025 03:34 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
