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Coronavirus: जानिए क्या है कोरोना का डबल वेरिएंट इन्फ़ेक्शन

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में डर का माहौल बना रखा है। समय के साथ नए स्वरूप में संक्रमित कर रहा है। लेकिन मामले हर एक दिन चौंकाने वाले सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक मामला ऐसा भी आया, जिसमें एक ही समय में कोरोना वायरस के दो अलग-अलग वेरिएंट से एक महिला संक्रमित हुई।

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Deovrat Singh

Jul 15, 2021

किसी को नहीं मिला मृत्यु प्रमाण पत्र तो किसी के दस्तावेज एसडीएम कार्यालय में उलझे

किसी को नहीं मिला मृत्यु प्रमाण पत्र तो किसी के दस्तावेज एसडीएम कार्यालय में उलझे

Coronavirus: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में डर का माहौल बना रखा है। समय के साथ नए स्वरूप में संक्रमित कर रहा है। लेकिन मामले हर एक दिन चौंकाने वाले सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक मामला ऐसा भी आया, जिसमें एक ही समय में कोरोना वायरस के दो अलग-अलग वेरिएंट से एक महिला संक्रमित हुई। 90 साल की महिला में इस तरह के संक्रमण की पुष्टि के बाद डॉक्टर सभी को एहतियात बरतने की चेतावनी दे रहे हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, महिला दो अलग-अलग संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आई होगी। इस मामले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट्स से संक्रमित व्‍यक्ति पर वैक्‍सीन कितनी प्रभावी है। मॉलिक्‍यूलर बायोलॉजिस्‍ट के मुताबिक 'उस समय बेल्जियम में ये दोनों वेरिएंट्स (अल्‍फा और बीटा) सर्कुलेट हो रहे थे। संभव है कि महिला को उसी वक्त दो अलग-अलग लोगों से इन वायरस से संक्रमण हुआ हो।'

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HIV रोगियों में दिख सकते हैं ये वेरिएंट
वायरस शरीर में फैलने और कोशिकाओं को प्रभावित करने में बहुत ही कम वक्त लगाता है। कुछ कोशिकाएं दूसरे सोर्स से अन्‍य वायरस के लिए उपलब्‍ध हो सकती हैं। वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनने में कुछ दिन का समय लगता है। इस दौरान ही एक से अधिक व्‍यक्तियों से संक्रमित होना संभव है। एचआईवी रोगियों में दोहरे संक्रमण के मामले बहुत आम हैं।

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‘डबल वेरिएंट इन्फ़ेक्शन की स्थिति
डबल वेरिएंट इन्फ़ेक्शन की संभावना बहुत कम रहती है। क्‍योंकि लोगों साथ रहने पर किसी भी गतिविधि से संक्रमण नहीं फैलता है। एक संक्रमित से वे सभी व्यक्ति संक्रमित नहीं हो सकते, जिनके संपर्क में वह व्यक्ति आया है। इसलिए, जन कोई व्यक्ति एक से अधिक संक्रमित व्यक्तियों से मिलता है, तो उन सभी से वायरस प्राप्त करने की संभावना कम रहती है। दुनियाभर में डबल इन्‍फेक्‍शन को बहुत ही कम आंका जा रहा है क्‍योंकि 'चिंता वाले वेरिएंट्स की टेस्टिंग कम हो रही है।

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