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High BP Kidney Damage : बिना लक्षण भी हाई बीपी कर सकता है किडनी को खराब

High blood pressure effects on kidneys : High BP किडनी की कार्यप्रणाली को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, वह भी बिना किसी लक्षण के।

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भारत

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Manoj Vashisth

Mar 29, 2025

High BP Can Silently Damage Your Kidneys Study Reveals Hidden Risk

High BP Can Silently Damage Your Kidneys Study Reveals Hidden Risk

High BP Kidney Damage : उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) का असर किडनी की कार्यप्रणाली पर पड़ सकता है, वह भी तब जब कोई स्पष्ट लक्षण नजर न आएं। हाल ही में किए गए एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि हाइपरटेंशन की वजह से किडनी में मौजूद खास कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है।

अध्ययन से हुआ बड़ा खुलासा (High BP effects on kidneys)

ऑस्ट्रिया की मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ विएना के शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च रक्तचाप (High BP) किडनी के फिल्टरिंग सिस्टम में मौजूद पोडोसाइट्स नामक विशेष कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है, भले ही व्यक्ति को डायबिटीज जैसी कोई अन्य बीमारी न हो।

शोधकर्ताओं रेनर ओबरबाउर और हेंज रेगेले के अनुसार, अगर हाई ब्लड प्रेशर (High BP) की पहचान समय रहते हो जाए और इसका इलाज जल्द शुरू किया जाए, तो किडनी की कार्यक्षमता को खराब होने से बचाया जा सकता है।

99 मरीजों के किडनी टिशू का किया गया विश्लेषण

इस शोध को "हाइपरटेंशन" जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसमें 99 मरीजों के किडनी टिशू का विश्लेषण किया गया, जिनमें से कुछ को हाई ब्लड प्रेश (High BP) और टाइप 2 डायबिटीज थी, जबकि कुछ पूरी तरह स्वस्थ थे।

शोधकर्ताओं ने इन सैंपल्स को ट्यूमर नेफ्रेक्टोमी (एक ऐसी सर्जरी जिसमें किडनी का कुछ हिस्सा या पूरी किडनी निकाल दी जाती है) के दौरान प्राप्त किया था।

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एआई और इमेजिंग तकनीक से हुआ सटीक अध्ययन

शोध में आधुनिक इमेजिंग और कंप्यूटर आधारित तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इसके तहत पोडोसाइट्स और ग्लोमेरुली (किडनी के मुख्य निस्पंदन घटक) की संरचना और घनत्व को मापा गया।

इस प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित डीप-लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग किया गया, जिससे टिशू के डिजिटल सेक्शन को स्वतः विश्लेषित किया गया और किडनी की सूक्ष्म संरचना को समझा गया।

किडनी में दिखे ये अहम बदलाव

अध्ययन के प्रमुख लेखक क्रिस्टोफर पासचेन ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर (High BP) वाले मरीजों में पोडोसाइट्स की संख्या कम पाई गई, जबकि उनकी कोशिकाओं के नाभिक (सेल न्यूक्लियस) का आकार बढ़ा हुआ था।

यह बदलाव टाइप 2 डायबिटीज से स्वतंत्र रूप से देखे गए, जिसका मतलब है कि हाई ब्लड प्रेशर अकेले ही किडनी को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

लक्षण नजर आने से पहले हो सकता है नुकसान

शोध में यह भी पाया गया कि हाई ब्लड प्रेशर से किडनी की संरचना पर सूक्ष्म स्तर पर असर पड़ने लगता है, जो कई बार लक्षण नजर आने से पहले ही किडनी फेलियर की शुरुआत कर सकता है।

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समय रहते जांच और इलाज है जरूरी

विशेषज्ञों का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को नियमित रूप से किडनी फंक्शन टेस्ट कराते रहना चाहिए। इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से भी इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

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(ians)