सबसे पहले काटे गए स्थान को अच्छे से धो लें और फिर बर्फ से सिकाई करें। इस से न सिर्फ जलन और दर्द में राहत मिलेगी बल्कि सूजन भी कम होगी। याद रहे कि बर्फ को सीधे उस जगह पर न रखें नही तो जलन और तेज हो सकती है। बेकिंग सोडा एक या दो चम्मच लेकर पानी के साथ मिलकर पेस्ट बना लें और काटने के स्थान पर लगाएं। इस विधि से काटे गए स्थान पर जल्दी राहत मिल जाएगी।
यदि एक बार में काम न चलें तो इस विधि को कुछ समय बाद दोबारा भी दोहराया जा सकता है। नमक इस ज़हर को उतारने में बहुत उपयोगी औषधि है, यह मकड़ी ही नहीं अनेकों विषाक्त कीड़ों के काटने पर राहत दे सकता है। इसके लिए एक छोटे चम्मच नमक की लेकर इसे काटे गए स्थान पर किसी कपड़े की सहायता से बांध दें। इसे तब तक बंधा रहने देना चाहिए जब तक कि सूजन कम न होने लगे।
नमक ज़हर को पूरी तरह से निकाल कर बाहर कर देता है। आलू भी जहरीली मकड़ी के काटने में एक सफल उपचार है। यदि किसी को मकड़ी काट जाए तो उस जगह पर आलू का पेस्ट रखने में जरा भी देर न लगाएं। एक आलू को कद्दूकस कर के उसे प्रभावित जगह पर बांध दें और काफी समय तक उसे ऐसे ही बंधा रहने दें। तुलसी बैक्टीरिया विरोधी और शांति दायक औषधि होती है। यदि किसी को मकड़ी काट ले तो तुलसी के सूखे हुए पत्तों का पेस्ट बनाकर उस जगह पर लगा देना चाहिए। इस से न सिर्फ दर्द और सूजन में राहत मिलेगी, बल्कि जहर भी निकल जाएगा।
लहसुन की तीन से चार कलियों को पीसकर उसे काटे गए स्थान पर बांध दें और इसे रात भर ऐसे ही रहनें दें। सुबह तक जलन, सूजन और लाली सभी में राहत मिल जाएगी। एस्प्रिन का पानी के साथ मिलाकर पर्याप्त मात्रा में पेस्ट बनाएं और इसे काटे गए स्थान पर लगा कर छोड़ दें। एस्प्रिन मकड़ी के जहर को बेहद तेजी से त्वचा से बाहर निकाल देगी। इसके अलावा इसकी जलन विरोधी प्रकृति सूजन और जलन को भी नियंत्रित कर देगी। यदि एक बार में असर कम दिखे तो इसे दो से तीन बार दोहराएं।