
हीटर हमेशा ही बेड से कम से काम पांच फीट की दूरी पर रखकर ही चलाएं क्योंकि हीटर गर्म हवाओं के साथ कार्बन मोनोऑक्साइड भी छोड़ता है। इससे कमरे में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। सांसों की परेशानी हो सकती है। अगर कमरे में वेंटीलेशन नहीं होगा तो भी घुटन हो सकती है। गर्म कमरे में बैठना अच्छा लग सकता है लेकिन जब आप इससे बाहर निकलेंगे तो आपको पता चलेगा कि ठंडा है। इसलिए कमरे से बाहर भी सावधानी से निकलें। तापमान में बार-बार होने वाला यह अचानक बदलाव इम्यून सिस्टम को कमजोर बना सकता है, जिससे बीमार भी हो सकते हैं।

कौन ध्यान रखें जिनकी त्वचा रूखी है वे हीटर इस्तेमाल करने से बचें। ज्यादा रूम हीटर चलाने से आंखों में ड्राईनेस और उससे आंखों में इरिटेशन हो सकती है। इससे निकली गर्म हवा से नाक भी ड्रायनेस हो सकती है। अस्थमा या सांस के रोगी भी सावधानी से इस्तेमाल करें।

हाँ, यह सच है कि पूरी रात हीटर चलाना खतरनाक हो सकता है। हीटर से निकलने वाली गर्म हवा आपके आसपास की ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर सकती है, जिससे आपका दम घुट सकता है। इसके अलावा, हीटर के बहुत करीब सोना भी आग लगने का खतरा पैदा कर सकता है।

कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता: रूम हीटर कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन कर सकते हैं, जो एक घातक गैस है। कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, मतली और उल्टी शामिल हैं। गंभीर मामलों में, कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता मृत्यु का कारण बन सकती है।

नमी का नुकसान: रूम हीटर कमरे से नमी को सोख लेते हैं, जिससे त्वचा और नाक सूखने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।