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Women vs Men Fitness: पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का दिल क्यों रहता है ज्यादा सुरक्षित? हार्वर्ड स्टडी में हुआ खुलासा

Women vs Men Fitness: हार्वर्ड हेल्थ रिपोर्ट में खुलासा, महिलाओं को पुरुषों से आधी एक्सरसाइज में दिल की ज्यादा सुरक्षा मिलती है। जानिए कितनी एक्टिविटी है काफी और क्यों।

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भारत

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Dimple Yadav

Dec 20, 2025

Women vs Men Fitness

Women vs Men Fitness (photo- freepik)

Women vs Men Fitness: अब तक हम यही सुनते आए हैं कि दिल को फिट रखने के लिए रोज लंबी एक्सरसाइज जरूरी है। लेकिन हार्वर्ड हेल्थ की एक नई रिपोर्ट इस सोच को पूरी तरह बदल देती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले काफी कम एक्सरसाइज में ही दिल की जबरदस्त सुरक्षा मिल जाती है। यानी बिजी महिलाओं के लिए ये अच्छी खबर है, थोड़ी सी मेहनत, बड़ा फायदा।

स्टडी में क्या सामने आया?

रिसर्चर्स ने UK के करीब 85,000 लोगों का डेटा देखा, जिन्होंने एक हफ्ते तक एक्सरसाइज ट्रैकर पहना था। इसके बाद लगभग 8 साल तक यह देखा गया कि उनकी एक्टिविटी का असर हार्ट डिजीज और मौत के खतरे पर कैसे पड़ा।

हार्ट डिजीज का खतरा 30% तक कम

महिलाओं को हफ्ते में 250 मिनट (लगभग रोज 35 मिनट) की हल्की-मध्यम एक्सरसाइज से ही हार्ट डिजीज का खतरा 30% तक कम हो गया। वहीं पुरुषों को वही फायदा पाने के लिए करीब 530 मिनट (रोज 75 मिनट) एक्सरसाइज करनी पड़ी। जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी थी, वहां भी यही पैटर्न दिखा। महिलाओं में कम एक्सरसाइज से ही मौत का खतरा काफी घट गया, जबकि पुरुषों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ी।

आखिर ऐसा क्यों?

इसके पीछे शरीर की बनावट और हार्मोन का बड़ा रोल है। महिलाओं में पाया जाने वाला एस्ट्रोजन हार्मोन एक्सरसाइज के दौरान फैट जलाने में मदद करता है और नसों को हेल्दी रखता है। इससे दिल जल्दी मज़बूत होता है। महिलाओं की मसल्स में स्लो-ट्विच फाइबर ज्यादा होते हैं, जो लंबे समय तक चलने वाली एक्टिविटी जैसे वॉक, साइक्लिंग या डांस के लिए बेहतर होते हैं। इससे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और सूजन जल्दी कंट्रोल में आती है। पुरुष ताकत और शॉर्ट बर्स्ट वाली एक्सरसाइज में अच्छे होते हैं, लेकिन दिल की वही सुरक्षा पाने के लिए उन्हें ज्यादा समय देना पड़ता है।

रोजमर्रा की जिंदगी में क्या करें?

महिलाओं को अब घंटों जिम में पसीना बहाने की जरूरत नहीं है। सिर्फ तेज चलना, सीढ़ियां चढ़ना, गार्डनिंग, घर के काम तेजी से करना, डांस या तैराकी से ही काम हो सकता है। ये सब मिलकर हफ्ते में 250 मिनट हो जाएं, तो दिल को बड़ा फायदा मिल सकता है। पुरुषों को थोड़ा ज्यादा एक्टिव रहना होगा और हफ्ते में करीब 500 मिनट का लक्ष्य रखना बेहतर है। अगर दिल की बीमारी पहले से है, तो डॉक्टर की सलाह से कम समय में भी फायदा मिल सकता है।

बड़ा मैसेज क्या है?

इस स्टडी से साफ है कि एक्सरसाइज सबके लिए जरूरी है, लेकिन तरीका सबके लिए एक जैसा नहीं हो सकता। महिलाओं के लिए ये खबर हौसला बढ़ाने वाली है। कम समय में भी दिल की अच्छी सुरक्षा संभव है। बस जरूरत है नियमित और समझदारी से मूव करने की।