
Corona and flu: कोरोना, फ्लू और एलर्जी में अंतर को ऐसे समझें
बदलते मौसम में हमेशा की तरह इस बार भी वायरल संक्रमण हो रहा है लेकिन कोरोना के चलते लोगों में डर अधिक है। मौसमी फ्लू (वायरल), एलर्जी और कोरोना में अंतर न कर पाने से ज्यादा दवाइयां खा रहे हैं। वैसे तो कोरोना भी एक फ्लू है। इसके लक्षण भी वायरल जैसे ही होते हैं लेकिन कुछ अंतर भी हंै। जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
कोरोना को ऐसे पहचाने
शुरुआत: अचानक से
लक्षण: हल्का बुखार बुखार 99-104 फारेनहाइट, सूखी खांसी
शरीर में दर्द, सांस फूलना, थकान, कमजोरी
कुछ लोगों में लक्षण: सिरदर्द, खांसी में खून आना, डायरिया आदि
असर कब तक: सामान्यत: एक से 14 दिन से बढक़र 24 दिन तक भी हो सकता है
गंभीरता: 05 फीसदी मामलों में निमोनिया, सांस लेने में दिक्कत और मल्टी आर्गन फेल हो सकता है।
रिकवरी: हल्के लक्षण हैं तो दो सप्ताह। कुछ में दो माह तक लग जाते हैं।
इलाज: कोई वैक्सीन नहीं है। लक्षणों के आधार पर इलाज, पेन किलर न लें। अपने मन से दवा न खाएं। इम्युनिटी बढ़ाने का प्रयास करें।
सीजनल फ्लू को ऐसे पहचाने
शुरुआत: आकस्मिक
लक्षण: बुखार 101-02 फेरनहाइट तक,
बलगम वाली खांसी, जुकाम
शरीर में दर्द, थकान, सिर दर्द, नाक का बहना, गले में खराश
कुछ लोगों में लक्षण: डायरिया और उल्टी
असर कब तक:
एक से 04 दिन
गंभीरता: 01 फीसदी मामलों में निमोनिया की आशंका रहती है।
रिकवरी: हल्का है तो एक सप्ताह और गंभीर है तो दो सप्ताह का समय
इलाज: वार्षिक फ्लू के टीके लगते हैं। लक्षणों के आधार पर इलाज होता है।
एलर्जी को ऐसे पहचाने
शुरुआत: धीरे-धीरे
लक्षण: नाक बहना, छींके आना, गले में खराश रहना
कुछ लोगों में लक्षण: हल्का बुखार, थकान, शरीर और सिर में दर्द
असर कब तक : 2-3 दिन तक ही रहता है
गंभीरता: इसके गंभीर होने की आंशका लाखों में से एक को होती है।
रिकवरी: अधिकतर मामलों में एक सप्ताह में ठीक हो जाता है। कुछ में 10 दिन भी लगते हैं।
इलाज: इसका कोई स्थाई इलाज नहीं। एलर्जी वाले कारणों से बचाव करना ठीक है।
लक्षण दिखें तो क्यों करें
इन तीनों समस्याओं के कुछ लक्षण एक जैसे हैं। अगर बुखार आता है तो खुद को पहले आइसोलेट करें। छींकते या खांसते समय मुंह पर कपड़ा लगाएं। हमेशा मास्क लगाकर रहें। ज्यादा आराम करें। खूब पानी पीएं। तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर दवा लें।
गरारे करें, स्टीम लें और व्यायाम से बचें
कोरोना, सीजनल फ्लू या एलर्जी है तो नियमित गुनगुने पानी से गरारे करें। सुबह शाम स्टीम लें और जलनेति करें। बुखार आ रहा है तो व्यायाम न करें। इससे फेफड़ों की क्षमता घटती है। हैल्दी और हल्का खाना खाएं। गुनगुना पानी पीएं। नींबू का सेवन करें।
मास्क लगाने से इन तीनों से होगा बचाव
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने कहा है कि मास्क न केवल कोरोना से बल्कि फ्लू और एलर्जी से भी बचाता है। यह धूल-धुएं और पराग कणों को नाक में जाने से रोकता है। किसी को यदि फ्लू है तो दूसरे में पहुंचने से मास्क रोकता है। बाहर निकले तो मास्क लगाएं।
चलते समय हांफ रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं
सुबह-शाम छह मिनट टहलने के बाद ऑक्सीजन लेवल देखें। दो तीन बार में 95 से कम लेबल आता है तो डॉक्टर को दिखाएं। थकान या सांस लेने में दिक्कत है तो भी डॉक्टर को बताएं। हो सकता है फेफड़ों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा हो।
बुखार को लेकर यह है भ्रम, इसका ध्यान रखें
बुखार को लेकर लोगों में कुछ भ्रम है कि 100 फारेनहाइट से कम है तो बुखार की दवा न खाएं। ऐसा नहीं है, कुछ लोगों में इससे भी कम पर शरीर में दर्द शुरू हो जाता है। हल्के बुखार में भी बदन दर्द है तो पैरासिटामॉल लें। पेनकिलर ना लें।
Published on:
22 Oct 2020 02:27 pm
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