scriptरात में बार-बार यूरिन के लिए जाना भी गुर्दा रोग का लक्षण | if any body going urine frequently at night, it may be kidney disease | Patrika News

रात में बार-बार यूरिन के लिए जाना भी गुर्दा रोग का लक्षण

locationजयपुरPublished: Oct 15, 2020 12:32:54 pm

Submitted by:

Hemant Pandey

क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) गुर्दे की गंभीर बीमारी है। गुर्दे की दूसरी बीमारियों में एक ही गुर्दा खराब होता है लेकिन इसमें दोनों गुर्दे खराब होने लगते हैं। इसका पता 25त्न किडनी खराब होने पर चलता है।

क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) गुर्दे की गंभीर बीमारी है। गुर्दे की दूसरी बीमारियों में एक ही गुर्दा खराब होता है लेकिन इसमें दोनों गुर्दे खराब होने लगते हैं। इसका पता 25त्न किडनी खराब होने पर चलता है।
45 के बाद ध्यान दें
जिनकी उम्र 45 वर्ष से अधिक हो चुकी है उन्हें डॉक्टर की सलाह से कुछ जांचें करवाते रहना चाहिए। इनमें यूरिन और किडनी फंक्शन टेस्ट आदि हैं। जिनके परिवार में किडनी डिजीज की हिस्ट्री है उन्हें नियमित जांचें करवानी चाहिए।
सीकेडी के लक्षण
भूख कम लगना, यूरिन में खून का आना, खून की कमी, यूरिन कम आना, यूरिन का रंग गहरा, हाथ-पैरों, टखने व चेहरे पर सूजन, थकान, हाई बीपी, खुजली, रात में बार-बार यूरिन आना, मांसपेशियों में ऐंठन व झनझनाहट और जी मिचलना आदि।
ऐसे करें बचाव
ब्लड प्रेशर व डायबिटीज किडनी की बीमारी की बड़ी वजह होते हैं। इन्हें नियंत्रित रखें। खून में क्रिएटिनिन और यूरिन की जांच समय-समय पर करवाएं ताकि बीमारी को शुरुआती स्टेज में पहचाना जा सके। अगर परिवार में पहले से किसी को किडनी डिजीज है तो सचेत रहें। समय-समय पर डॉक्टर को दिखाते रहें। वजन नियंत्रित रखें। ज्यादा मोटापा किडनी के फंंक्शन पर भी असर डालता है जो बीमारी का रूप ले सकता है। नियमित व्यायाम करें। इससे जोखिम कम होता है। व्यायाम से किडनी को टॉक्सिन्स फिल्टर करने में मदद मिलेगी और उस पर पडऩे वाला दबाव कम होगा। साथ ही खूब पानी पीते रहें।
फास्ट फूड व ज्यादा तेल-मसाले की चीजें खाने से बचें। सिगरेट, तंबाकू आदि नशे से दूरी रखें। चीनी और नमक कम मात्रा में प्रयोग करें। बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी पेन किलर न लें। किडनी को नुकसान होता है।
डॉ. संजय पाण्डेय, वरिष्ठ गुर्दा रोग विशेषज्ञ, कोकिला बेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई
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