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#Crowdfunding: ‘आयुष्मान भारत योजना’ को मिला इम्पैक्ट गुरु

'आयुष्मान भारत आरोग्य योजना' एक महत्वाकांक्षी योजना है, लेकिन इसे सफलतापूर्वक लागू करना इसके क्रियान्वयन में आएंगी अनेक गंभीर चुनौतियां...

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Ayushman Bharat scheme

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नई दिल्ली। भारत सरकार की 'आयुष्मान भारत आरोग्य योजना' दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है और इसे सफलतापूर्वक लागू करने के लिए देश के सबसे बड़े क्राउडफंडिंग प्लेटफार्मों में से एक-इम्पैक्ट गुरु क्राउडफंडिंग के माध्यम से अपना सहयोग देना चाहता है। जुलाई 2014 में स्थापित इम्पैक्ट गुरु डॉट कॉम के सीईओ और सह-संस्थापक पीयूष जैन का मानना है कि 'आयुष्मान भारत आरोग्य योजना' एक महत्वाकांक्षी योजना है लेकिन इसको सफलतापूर्वक लागू करने एवं इसके क्रियान्वयन में अनेक गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में इन चुनौतियों को कम करने के लिए इम्पैक्ट गुरु क्राउडफंडिंग के माध्यम से सहयोग के लिए तत्पर है।

जैन ने इस योजना को उपयोगी एवं प्रासंगिक मानते हुए इसके सम्मुख खड़ी होने वाली चुनौतियों को उजागर करते हुए कहा, " भारत में मध्यम वर्ग एवं गरीबी रेखा वाली पृष्ठभूमि के मरीजों की स्थितियां गंभीर एवं असाध्य बनी हुई हैं, जिनके सम्मुख कैंसर, डायलिसिस, समयपूर्व शिशु देखभाल जैसे दीर्घकालिक उपचारों के लिए आर्थिक संसाधनों का अभाव है।" सरकार ने आयुष्मान भारत के अंतर्गत प्रत्येक परिवार के लिए पांच लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा योजना को घोषित किया है, जबकि राष्ट्रीय राजकोष की लागत प्रारंभिक सरकारी अनुमानों की तुलना में 10 से 20 गुना अधिक हो सकती है। जैन ने कहा, "हमारा मानना है कि स्वास्थ्य बीमा की यह राशि मुद्रास्फीति को देखते हुए स्वास्थ्य की देखभाल पर आनेवाली लागत से काफी अधिक होगी। यह घोषित बीमा राशि इसलिए भी चुनौतीपूर्ण है कि इस राशि में कई निजी अस्पताल अपनी परिचालन लागत भी नहीं निकाल पायेंगे। अत: वे अपनी सेवाएं सफलतापूर्वक प्रदत्त करने में असमर्थ होंगे।"

जैन ने कहा कि प्रत्येक वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये की राशि इसलिए भी अपर्याप्त हैं क्योंकि देखने में आ रहा है कि बहुत कम आय वाले भारतीय अभी भी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिनमें कैंसर के मामलें प्रमुख हैं। इसकी लागत बहुत अधिक हो सकती है। भले ही आपके पास राष्ट्र्रीय बीमा योजना होगी फिर भी लोग वास्तव में महत्वपूर्ण बीमारियों के मामलों में बीमाकृत होने के बावजूद उसकी अपर्याप्त बीमाकृत राशि के कारण इलाज नहीं करा पाएंगे।

भारत का निजी हेल्थकेयर खर्च सालाना 90 अरब डॉलर है। इनमें से केवल एक तिहाई बीमा द्वारा कवर किया गया है और 60 अरब डॉलर शेष राशि मित्रों और परिवार के भरोसे पर ही निर्भर है। जिसके लिए 10 प्रतिशत यानी 6 अरब डॉलर का योगदान मेडिकल क्राउडफंडिंग मार्केट के द्वारा उपलब्ध हो सकता है। इसकी तलाश हेतु इम्पैक्ट गुरु डॉट कॉम अपनी सेवाओं को देने के लिए तत्पर है। क्राउडफंडिंग में कोई भुगतान वापिस नहीं किया जाता।