
influenza in winter
Influenza in winter: इन्फ्लूएंजा को हम आमतौर पर फ्लू कहते हैं। इसे सर्दियों में एक गंभीर स्वास्थ्य का कारण माना जाता है। इसके परिणाम हल्के से गंभीर हो सकते हैं। इसमें (Influenza in winter) आप को बुखार, खांसी, शरीर में दर्द, थकान, नाक बंद आदि समस्या होने लगती है। यह वायरस सांस की नली को ज्यादा प्रभावित करता है। जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है यह उनको ज्यादा प्रभावित करता है। जिसमें बच्चे और बूजुर्ग ज्यादा शामिल होते हैं।
इन्फ्लूएंजा (Influenza in winter) के शुरुआती लक्षणों में बुखार, खांसी, शरीर में दर्द, थकान और गले में खराश आदि होने लगते हैं। ऐसे में यदि आपको ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे है तो आपको बिना देरी के डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इन्फ्लूएंजा और अन्य श्वसन संक्रमण जैसे COVID-19 या RSV के लक्षण समान हो सकते हैं, इसलिए इनकी पहचान के लिए आणविक परीक्षण जैसे RT-PCR अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
RT-PCR को आणविक परीक्षण इन्फ्लूएंजा (Influenza in winter) के निदान और समय पर प्रबंधन शुरू करने के लिए स्वर्ण मानक होता है। इससे इन्फ्लूएंजा वायरस के आनुवंशिक पदार्थ (RNA) की पहचान करने में मदद मिलती है। जिसके कारण हम सही निदान को सुनिश्चित कर पाते हैं। इसका फायदा यह भी है कि इससे इन्फ्लूएंजा और उसके उपप्रकारों के अलावा अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों फ्लू (Influenza in winter) के बढ़ते मामलों को देखते हुए मामलों सलाह दी है कि शुरुआती लक्षणों के समय पर उपचार और टेस्टिंग से फ्लू के प्रसार को कम किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि फ्लू के टीकाकरण से गंभीर मामलों से बचा जा सकता है और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता को घटाया जा सकता है।
सर्दियों के दौरान, जब लोग अधिकतर घर के अंदर रहते हैं, फ्लू के मामलों में वृद्धि देखने को मिलती है। ऐसे में फ्लू के प्रसार को रोकने और अस्पताल में भर्ती होने से बचने के लिए समय पर टीकाकरण अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सालाना फ्लू वैक्सीनेशन सभी के लिए सिफारिश की जाती है, ताकि वायरस के प्रसार को कम किया जा सके।
याद रखें कि, सर्दियों के मौसम में फ्लू के मामले बढ़ना आम बात है, क्योंकि बाहर का मौसम ठंडा होता है और लोग घर के अंदर ज़्यादा समय बिताते हैं. जिससे वायरस के फैलने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
17 Jan 2025 09:47 am
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
Herpes Simplex Virus: होंठों या प्राइवेट पार्ट में बार-बार छाले? सावधान! हो सकती है ये खतरनाक बीमारी

