7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Lung Cancer in Young Adults: युवा में बढ़ रहा है फेफड़े का कैंसर, शुरुआती लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें

Lung Cancer in Young Adults: फेफड़े का कैंसर अब युवा और नॉन-स्मोकर लोगों में भी तेजी से फैल रहा है। जानें फेफड़े के कैंसर के मुख्य कारण, शुरुआती लक्षण और आसान बचाव के उपाय ताकि आप समय रहते सतर्क हो सकें।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Dimple Yadav

Sep 17, 2025

Lung Cancer in Young Adults

Lung Cancer in Young Adults (Photo- freeik)

Lung Cancer in Young Adults: फेफड़े का कैंसर अब युवाओं में काफी फैल रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण धूम्रपान को माना जाता है। लेकिन अब हाल की रिपोर्टस में ये खुलासा हुआ है कि ये खतरनाक बीमारी छोटे उम्र के लोग और वो लोग जो स्मोकिंग नहीं करते, उनमें भी तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए जरूरी है कि हम इसके कारण, शुरुआती लक्षण और बचाव के तरीकों को समझें।

युवा में फेफड़े का कैंसर क्यों होता है?

सबसे बड़ा कारण अब भी धूम्रपान है। करीब 80-90% केस धूम्रपान से जुड़े हैं। लेकिन नए युवा मरीजों में यह केवल धूम्रपान से नहीं जुड़ा। रिसर्च के अनुसार 72% युवा महिलाएं और 81% युवा पुरुष जिन्होंने फेफड़े का कैंसर पाया, उनका पहले से स्मोकिंग का अनुभव था। इसका मतलब है कि और भी कई कारण हैं।

पर्यावरणीय कारण

घर के अंदर रेडॉन गैस का होना भी खतरे की बात है। यह जमीन और चट्टानों से निकलती है और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से फेफड़े कमजोर हो सकते हैं। प्रदूषण, जैसे कि ट्रैफिक और फैक्ट्री का धुआं (PM2.5), भी जोखिम बढ़ाता है। कुछ लोग ऐसे काम करते हैं जहां उन्हें एस्बेस्टस, डीज़ल फ्यूम या आर्सेनिक जैसी चीजों का संपर्क होता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। घर में खाना बनाने या हीटिंग के लिए बायोमास फ्यूल (लकड़ी, कोयला आदि) का इस्तेमाल और खराब वेंटिलेशन भी फेफड़ों के लिए खतरा है, खासकर महिलाओं में।

जेनेटिक कारण

कुछ लोगों के जीन भी फेफड़े के कैंसर के लिए संवेदनशील होते हैं। युवा मरीजों में EGFR और ALK नामक जीन में बदलाव पाया गया है। कुछ वायरस जैसे HPV और Epstein-Barr भी जोखिम बढ़ा सकते हैं।

शुरुआती लक्षण क्या हैं?

शुरुआती समय में लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन अगर निम्न बातें दिखें तो डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। खून या जंग जैसा बलगम आना, गहरी सांस लेने या खांसने पर छाती में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में आवाज़ आना, लगातार ब्रोंकाइटिस या निमोनिया होना, बिना वजह वजन कम होना या भूख कम होना, आवाज भारी होना या लगातार गले में खराश, असामान्य थकान या कमजोरी। अगर कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल जाए तो हड्डियों में दर्द, सिरदर्द, नर्व की परेशानी या गले/कंधे के पास सूजन भी हो सकती है।

बचाव के उपाय

धूम्रपान छोड़ें: सबसे आसान और असरदार तरीका यही है।

स्मोक-फ्री माहौल: घर और ऑफिस में सिगरेट न पिएं, दूसरों को भी प्रोत्साहित करें।

रेडॉन गैस: घर में टेस्ट करवाएं और जरूरत पड़ने पर मिटीगेशन सिस्टम लगाएं।

खराब धुआं और कैमिकल्स से बचाव: एस्बेस्टस, आर्सेनिक, डीजल फ्यूम से बचें।

स्वस्थ आहार और व्यायाम: फल, सब्जियां खाएं और रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।

वेंटिलेशन बेहतर करें: घर में खाना बनाते या हीटिंग करते समय हवा का अच्छा प्रवाह रखें।