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Malaria Prevention: मलेरिया से बचने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा मच्छरों को लेकर नायाब तरीका, जानिए कैसे मिलेगी बेहतर सुरक्षा

Malaria Prevention: वैज्ञानिकों ने मलेरिया रोकने का नया तरीका खोजा है। अब मच्छरों को मलेरिया की दवा दी जाएगी, ताकि वे बीमारी न फैला सकें। ये दवा मच्छरदानी पर लगाई जाएगी और इससे मलेरिया फैलने का खतरा कम होगा।

भारत

Nisha Bharti

Jun 18, 2025

Malaria Prevention
Malaria Prevention प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो क्रेडिट- पत्रिका)

Malaria Prevention: हर साल मलेरिया से लाखों लोगों की जान चली जाती है, जिनमें ज्यादातर छोटे बच्चे होते हैं। अब वैज्ञानिकों ने मलेरिया रोकने का एक बिल्कुल नया तरीका खोजा है। उनका कहना है कि मच्छरों को मारने के बजाय उन्हें दवा से ठीक किया जायेगा ताकि वे बीमारी फैलाना बंद कर दें। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की यह खोज मलेरिया से लड़ने का तरीका पूरी तरह बदल सकती है। आइए जानते हैं क्या है ये नई खोज और कैसे बचाएगी आम लोगों की जान।

मच्छरों को मारने की बजाय अब किया जाएगा इलाज

मलेरिया हर साल करीब 6 लाख लोगों की जान लेता है, जिनमें ज्यादातर छोटे बच्चे होते हैं। अब तक इसका इलाज मच्छर को मार कर किया जाता था, लेकिन अब मच्छर की टांगों के जरिए उसके अंदर मलेरिया के परजीवी को खत्म करने की बात हो रही है। वैज्ञानिकों की टीम ने मलेरिया के डीएनए की जांच कर यह पता लगाया कि मच्छर के शरीर में परजीवी को कैसे खत्म किया जा सकता है। रिसर्चर डॉक्टर ने कहा, ''अब सिर्फ मच्छर को मारना काफी नहीं है, हमें उसके अंदर मौजूद मलेरिया को भी खत्म करना होगा।''

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मच्छरदानी पर लगेगी दवा, मच्छर बैठते ही असर शुरू

इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने 22 दवाओं को टेस्ट किया और आखिर में दो ऐसी दवाएं मिलीं, जो मच्छर के अंदर मौजूद सभी मलेरिया परजीवियों को खत्म कर देती हैं। खास बात ये है कि ये दवाएं मच्छर की टांगों से उसके शरीर में जाती हैं।

योजना ये है कि इन दवाओं को मच्छरदानियों पर लगाया जाएगा। जब मच्छर मच्छरदानी पर बैठेगा तो भले ही वो मरे नहीं, लेकिन उसके अंदर मौजूद मलेरिया का परजीवी मर जाएगा और वो किसी को संक्रमित नहीं कर पाएगा। यह तरीका खास तौर पर उन इलाकों के लिए फायदेमंद होगा, जहां मच्छर अब कीटनाशक से मरते नहीं हैं।

लंबे समय तक रहेगा असर

इस दवा की एक और बड़ी बात ये है कि इसे एक बार मच्छरदानी पर लगाने के बाद इसका असर पूरे साल तक बना रहता है। मतलब हर बार दवा लगाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे खर्च भी कम आएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि मच्छर के शरीर में मलेरिया परजीवी बहुत कम संख्या में होता है, इसलिए दवा से इसका इलाज करना आसान और असरदार होगा। इंसानों में परजीवी की संख्या बहुत ज्याद होती है, इसलिए वहां दवा का असर कम हो सकता है।

फील्ड ट्रायल के लिए तैयार है टीम

फिलहाल ये रिसर्च लैब में पूरी तरह सफल रही है। अब अगला कदम है इसे असली दुनिया में आजमाना। इसके लिए टीम इथियोपिया में फील्ड ट्रायल शुरू करने जा रही है। वहां देखा जाएगा कि मच्छरदानी पर दवा लगाने से मलेरिया फैलने में कितनी कमी आती है। अगर यह तरीका कारगर रहा तो आने वाले 5-6 सालों में इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।