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Male Infertility Treatments: स्पर्म बनाने की नई तकनीक पर रिसर्च, पुरुषों की इन्फर्टिलिटी होगी खत्म

Male Infertility Treatments: यूनिवर्सिटी ऑफ लिमरिक (यूएल) के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में पुरुष प्रजनन अंग की कोशिकाओं से शुक्राणु बनाने की तकनीक विकसित की है। यह तकनीक प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्ति की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है।

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भारत

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MEGHA ROY

Jun 01, 2025

Male fertility treatment options फोटो सोर्स – Freepik,फोटो डिजाइन- पत्रिका.com

Male fertility treatment options फोटो सोर्स – Freepik,फोटो डिजाइन- पत्रिका.com

Male Infertility Treatments: पुरुषों में इन्फर्टिलिटी की समस्या अब बीते जमाने की बात हो सकती है। आयरलैंड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा शोध किया है, जिससे भविष्य में लाखों निसंतान दंपतियों की जिंदगी बदल सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ लिमरिक (यूएल) के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में पुरुष प्रजनन अंग की कोशिकाओं से शुक्राणु बनाने की तकनीक विकसित की है। यह तकनीक प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्ति की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है।

शोध की बड़ी सफलता लैब में बने शुक्राणु

यूएल की रिसर्च टीम ने प्रजनन अंग के प्रीक्लिनिकल मॉडल का उपयोग कर चूहे की कोशिकाओं से सफलतापूर्वक शुक्राणु तैयार किए हैं। हालांकि मानव कोशिकाओं से स्पर्म बनाना अभी बाकी है, लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि यह तकनीकी बाधा जल्द ही पार कर ली जाएगी। इसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मटेरियल साइंस की भूमिका अहम रहेगी।

पुरुषों में क्यों बढ़ रही है इन्फर्टिलिटी?

शोधकर्ताओं का कहना है कि पिछले सात दशकों में पुरुषों में प्रजनन क्षमता में भारी गिरावट देखी गई है। जीवनशैली में बदलाव, तनाव, हार्मोनल असंतुलन, प्लास्टिक, कीटनाशक, दर्द निवारक दवाएं और सौंदर्य प्रसाधनों का अत्यधिक उपयोग इसके मुख्य कारण हैं।

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मौजूदा इलाज सीमित, सफलता की गारंटी नहीं

वर्तमान में पुरुषों की इन्फर्टिलिटी का इलाज या तो सर्जरी होता है या स्पर्म डोनेशन। सर्जरी में सफलता की दर बेहद कम होती है और डोनेशन एक भावनात्मक रूप से जटिल फैसला होता है। ऐसे में लैब में तैयार शुक्राणु एक सुलभ और स्वाभाविक विकल्प प्रदान कर सकते हैं।

लाखों को मिलेगी राहत

अगर यह तकनीक इंसानों पर सफल होती है, तो यह वैश्विक स्तर पर इन्फर्टिलिटी की समस्या को जड़ से खत्म कर सकती है। न सिर्फ संतान प्राप्ति की उम्मीद जगेगी, बल्कि सामाजिक और मानसिक तनाव से भी लोगों को राहत मिलेगी।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।