
Man Smelling own socks Turns Into Lung fungal infection
Sniffing Socks Fungal Infection : एक अजीब आदत, जो शुरुआत में मजाकिया या हल्की-फुलकी लग सकती है, अब गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है। यह कहानी है चोंगकिंग, चीन के एक व्यक्ति की जिनकी फंगल इंफेक्शन ने उन्हें डॉक्टर के पास पहुंचा दिया। इस व्यक्ति ने दिन भर काम करने के बाद अपने गंदे सॉक्स सूंघने की आदत डाल ली थी जो अब उनकी जान के लिए खतरे का कारण बन गई।
यह व्यक्ति, जिसका नाम रिपोर्ट में "ली क्वी" बताया गया है, लंबे समय से एक अजीब आदत को पाल रहे थे दिन भर के काम के बाद वह अपने गंदे सॉक्स को सूंघते थे। शुरू में यह आदत थोड़ी अजीब लग सकती थी, लेकिन किसी को नहीं लगता था कि यह आगे चलकर कोई बड़ी बीमारी का कारण बन सकती है। वक्त के साथ ली क्वी को लगातार खांसी, नींद न आना और आंखों का लाल होना जैसी समस्याएं होने लगीं। जब उनकी हालत और बिगड़ी, तो उन्होंने खांसी की दवाई लेना शुरू किया, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा और समस्या और बढ़ गई।
ली क्वी की सीटी स्कैन और एमआरआई से पता चला कि उनके दाएं फेफड़े के निचले हिस्से में सूजन और संक्रमण था। इसके बाद, ब्रोंकोस्कोपी द्वारा यह पुष्टि की गई कि उन्हें एस्करगिलोसिस नामक फंगल संक्रमण हुआ है। यह संक्रमण Aspergillus फंगस के कारण होता है, जो गंदगी, नमी और सड़े हुए पदार्थों में पाया जाता है। डॉक्टर लियांग पी कियांग, जो इस मामले के प्रमुख चिकित्सक हैं, ने बताया कि ली क्वी की सॉक्स सूंघने की आदत इस फंगल संक्रमण का कारण बन सकती थी।
एस्करगिलोसिस (Aspergillus) एक सामान्य मोल्ड है जो गीले स्थानों में जैसे कि गीले सॉक्स, सड़े हुए पत्तों, या खाद में पाया जाता है। यह फंगस स्वस्थ व्यक्तियों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन जिनकी रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें यह गंभीर संक्रमण दे सकता है।
यह सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन ली क्वी की आदत से फंगल स्पोर्स उनके नासिका और श्वसन मार्ग में पहुंच सकते थे, खासकर अगर सॉक्स गीले और बुरी तरह से हवादार जगह में रखे गए हों। केवल सॉक्स सूंघने से फंगल संक्रमण नहीं हो सकता, लेकिन यह आदत श्वसन मार्ग में फंगल स्पोर्स की अधिक मात्रा को जमा कर सकती है, खासकर यदि व्यक्ति पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रसित हो।
हालांकि सॉक्स सूंघने जैसी आदत से फंगल संक्रमण का खतरा बहुत कम है, फिर भी यदि कोई व्यक्ति पहले से किसी बीमारियों से ग्रसित है, जैसे कि ब्लड शुगर (डायबिटीज), एचआईवी, या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), तो उन्हें इन जोखिमों से बचना चाहिए। बुरी आदतें और कमजोर इम्यून सिस्टम इन संक्रमणों को गंभीर बना सकते हैं।
ली की को जो लक्षण थे उनमे लगातार खांसी, नींद न आना और आंखें लाल रहना - ये सब एस्परगिलोसिस नाम के इन्फेक्शन के आम लक्षण होते हैं। अगर इन्फेक्शन ज़्यादा बढ़ जाए, तो मरीज़ को खांसी में गाढ़ा, भूरा-पीला बलगम या खून भी आ सकता है। अगर इसका इलाज सही समय पर न हो, तो यह फेफड़ों के अंदर फैलकर जानलेवा भी हो सकता है।
इस बीमारी का इलाज आमतौर पर एंटीफंगल (फंगस रोकने वाली) दवाइयों से किया जाता है, और वोरिकोनाजोल नाम की दवा इसमें ज्यादातर इस्तेमाल होती है।
डॉक्टर ने बताया कि इस बीमारी का जितनी जल्दी पता चल जाए उतना अच्छा है। अगर समय पर इलाज शुरू हो जाए तो मरीज अक्सर ठीक हो जाता है, लेकिन अगर इलाज में देरी हो जाए तो इन्फेक्शन शरीर में फैल सकता है और उसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है।
जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जैसे कि जो कीमोथैरेपी ले रहे हैं, ट्रांसप्लांट सर्जरी करवा चुके हैं, या जिनका शुगर कंट्रोल में नहीं है, उन्हें उन जगहों से बचना चाहिए जहां फंगस और मोल्ड बढ़ सकते हैं। इसमें गीले कपड़े, खराब वेंटिलेशन वाली कमरे, और हां, मस्त गंध वाले जिम सॉक्स भी शामिल हैं।
बुनियादी सफाई रखना और घर में अच्छी हवा का प्रवाह सुनिश्चित करना बहुत आसान लेकिन असरदार उपाय हैं। इसका मतलब है कि घर को साफ-सुथरा रखना और हवा का ठीक से घूमना, जिससे फंगस और मोल्ड की संभावना कम हो।
Updated on:
25 Apr 2025 10:09 pm
Published on:
25 Apr 2025 02:57 pm
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