
Mehndi Allergy Treatment
Mehndi Allergy Treatment: मेहंदी महिलाओं का श्रृंगार होता है। ऐसे में शादी हो या त्योहार हर अवसर पर महिलाएं मेहंदी लगाना पसंद करती है। लेकिन कई महिलाओं के लिए मेहंदी लगाना सपना ही रह जाता है। उसका कारण है एलर्जी। कुछ लोगों को मेहंदी लगाने के बाद हाथों में खुजली, जलन और एलर्जी की समस्या होने लगती है। जब एलर्जी होती है तो खुजली और जलन जैसी समस्या होने लगती है। ऐसे में यदि आपको यह समस्या होती है तो आपके लिए ये टिप्स कारगर हो सकते हैं।
पैच टेस्ट
मेहंदी का उपयोग करने से पहले यह आवश्यक है कि आप बड़े पैमाने पर इसे लगाने से पहले पैच टेस्ट अवश्य करें। आप अपने हाथ के अंदर या कान के पीछे मेहंदी के पेस्ट की थोड़ी सी मात्रा लगाकर कुछ घंटों तक इसके रिएक्शन का अवलोकन करें। यदि आपको लालिमा, सूजन या जलन का अनुभव होता है, तो उस मेहंदी का उपयोग करने से परहेज करें।
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नेचुरल मेहंदी उपयोग
अपने हाथों पर मेहंदी लगाने के लिए हमेशा 100 प्रतिशत प्राकृतिक चयन करें, जो हानिकारक तत्वों से मुक्त हो। प्राकृतिक मेहंदी आपके हाथों पर नारंगी-भूरे रंग की छाप छोड़ती है और समय के साथ गहरी होती जाती है। बाजार में उपलब्ध काली मेहंदी या तेजी से सूखने वाली मेहंदी से सावधान रहें, क्योंकि इनमें PPD (पैराफेनिलनेडियम) हो सकता है, जो एक रासायनिक पदार्थ है और यह खुजली, सूजन और छालों जैसे गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं को उत्पन्न कर सकता है।
फटी स्किन पर मेहंदी लगाने से बचें
स्किन पर कट या घाव होने की स्थिति में मेहंदी का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह त्वचा में जलन को बढ़ा सकता है। खुले घाव या संवेदनशील त्वचा पर मेहंदी लगाने से आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। इसलिए, मेहंदी लगाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपकी त्वचा साफ और स्वस्थ हो।
स्किन को सुरक्षित रखें
मेहंदी सूखने के बाद, उसकी छाप को स्पष्ट रूप से देखने के लिए कम से कम 12 घंटे तक अपने हाथों को रगड़कर साफ करने से बचें। अपनी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने और उसकी सुरक्षा के लिए नारियल, आर्गन या सरसों का तेल लगाना फायदेमंद होगा। यदि आपके हाथों में खुजली या हल्की जलन महसूस हो, तो आप हल्की हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम का उपयोग कर सकते हैं और किसी स्किन एक्सपर्ट से सलाह लेना उचित रहेगा।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा-3 फैटी एसिड में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, जो एलर्जी से संबंधित समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं। इसलिए आप अपनी आहार में वसायुक्त मछली, समुद्री शैवाल, अलसी के बीज और सोयाबीन जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
07 Feb 2025 10:37 am
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