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Mental Health: दिमाग की मजबूती से पेट का क्या है कनेक्शन, जानिए

Mental Health: क्या आपको पता है मानसिक स्वास्थ्य का असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है। ऐसे में जानिए मानसिक स्थिति सुधारने से पेट की समस्याएं कैसे कम हो सकती हैं।

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भारत

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Puneet Sharma

Feb 17, 2025

Mental Health: आप हमेशा समझते हैं कि आपकी कार्यशैली या हार्ड वर्क के कारण आपका शारीरिक स्वास्थ्य खराब होता है। लेकिन क्या आपको पता है आपकी मेंटल हेल्थ भी आपके शारीरिक हेल्थ को खराब कर सकती है। मेंटल हेल्थ का असर विचारों और भावनाओं को ​कंट्रोल करने के साथ आपकी शरीर की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करने लगती है। यदि आपकी मेंटली परेशान रहते हैं तो इसका असर आपके पाचन तंत्र पर भी पड़ सकता है। ऐसे में आज हम इस लेख में जानेंगे की कैसे मेंटल हेल्थ (Mental Health) का असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है।

कैसे मेंटल हेल्थ का असर पेट पर पड़ता है? How does mental health affect the stomach?

मानसिक तनाव के समय, दिमाग से भेजे गए संकेत पाचन तंत्र पर सीधे असर डालते हैं। जब तनाव बढ़ता है, तो हमारे शरीर में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन का वितरण कम हो जाता है, खासकर पेट की ओर। इससे पेट की मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाता है और पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप पेट की समस्याएं जैसे कि गैस, अपच, और एसिडिटी उत्पन्न हो सकती हैं।

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मेंटल हेल्थ के कारण शारीरिक हेल्थ प्रभाव

पाचन तंत्र प्रभावित

मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) का असर आपके पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। तनाव और चिंता के दौरान शरीर में कोर्टिसोल (stress hormone) का स्तर बढ़ जाता है, जो पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। इससे पेट में गैस, एसिडिटी, अपच, या यहां तक कि अल्सर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक तनाव में रहने से इन समस्याओं का असर शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर हो सकता है।

नींद की गुणवत्ता पर असर

मानसिक स्वास्थ्य का शरीर की नींद पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। अवसाद, चिंता, और तनाव नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, जिससे इंसोम्निया (नींद न आना) या अत्यधिक नींद आना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। नींद की कमी से शरीर में थकावट, ध्यान की कमी और शारीरिक स्वास्थ्य में भी गिरावट आती है।

हॉर्मोनल असंतुलन

मानसिक स्थिति में बदलाव शारीरिक स्वास्थ्य पर हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं। अवसाद, चिंता या अत्यधिक तनाव के दौरान शरीर में कुछ हॉर्मोन (जैसे कि कोर्टिसोल और एड्रेनालिन) का असंतुलन हो सकता है।

हार्ट की समस्याएं

जब आप मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद का सामना करते हैं, तो आपका शरीर रिएक्ट करता है। तनाव का सबसे सामान्य प्रभाव आपके हृदय प्रणाली पर पड़ता है। तनाव के कारण हार्ट रेट बढ़ सकता है, blood pressure में वृद्धि हो सकती है, और लंबे समय तक यह दिल की बीमारी, स्ट्रोक या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने के उपाय

ध्यान और योग: मानसिक शांति के लिए ध्यान और योग अत्यधिक प्रभावी होते हैं। ये आपके दिमाग को शांत करते हैं और तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
स्वस्थ जीवनशैली: एक संतुलित आहार और नियमित शारीरिक व्यायाम मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
समय पर सोना: पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद लेना जरूरी है। यह शरीर को स्वस्थ रखने और मानसिक स्थिति को सुधारने में सहायक है।

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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।