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नकसीर या पेट में जलन की समस्या है तो मिट्टी की ठंडी पट्टी देगी राहत

प्राकृतिक चिकित्सा में ऐसा माना जाता है कि हमारा शरीर जिन चीजों से बना है। उन्हीं चीजों से मिलकर प्रकृति बनी है। अगर शरीर में कोई रोग आए तो उन्हीं चीजों से इलाज करना चाहिए। प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी, जल, वायु, धूप आदि से इलाज किया जाता है। इन्हीं में से एक है मड थेरेपी।

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जयपुर

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Jyoti Kumar

May 31, 2024

Mud therapy

Mud therapy

प्राकृतिक चिकित्सा में ऐसा माना जाता है कि हमारा शरीर जिन चीजों से बना है। उन्हीं चीजों से मिलकर प्रकृति बनी है। अगर शरीर में कोई रोग आए तो उन्हीं चीजों से इलाज करना चाहिए। प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी, जल, वायु, धूप आदि से इलाज किया जाता है। इन्हीं में से एक है मड थेरेपी या मिट्टी चिकित्सा।

दो तरह से होती थेरेपी

मिट्टी को ठंडे पानी के साथ मिलाकर ठंडी पट्टी और गर्म पानी में मिलाकर गर्म पट्टियां बनाई जाती हैं। दर्द वाले हिस्सों पर गर्म मिट्टी वाली पट्टी लगाने से दर्द में आराम मिलता है। मिट्टी की ठंडी पट्टी का उपयोग पूरे शरीर के ऊपर लेप लगाकर कर सकते हैं। पट्टी को पेट या सिर पर लगाना पेट की गर्मी कम करने और लू में फायदेमंद है। मरीज को मिट्टी में गाड़ा भी जाता है, जिसमें सिर्फ सिर मिट्टी के ऊपर रहता है।


ये न करें इस्तेमाल

सर्दी-खांसी अस्थमा की शिकायत हो तो ठंडे पानी वाली मिट्टी नहीं लगानी चाहिए। घाव व स्किन इंफेक्शन वाली जगह भी न लगाएं।

ऐसे करें उपयोग

काली मिट्टी को सुखाकर, फोडक़र उसे कपड़े पर छान लें। इस मिट्टी में पानी मिलाकर एक से दो दिन के लिए रख लें। फिर इसका इस्तेमाल करें।


ये हैं लाभ

यह तनाव व एसिडिटी कम करता। पेट व सिर पर इसे लगाने से लाभ होता है। नकसीरमें मिट्टी का लेप नाक पर लगाएं।
रखें इन बातों का खयाल : मिट्टी की चिकित्सा लेने से पहले तीन बातों का खयाल रखें, पहला मिट्टी कैसी है। शरीर पर कहीं कट नहीं लगे हो। शरीर में कफ के रोग नहीं होने चाहिए। मिट्टी शरीर की गर्मी को कम करने में लाभकारी है।

  • रमाकांत शर्मा, प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ