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2024 में फिर कोरोना की नई लहर आने का डर, लेकिन क्या ये सच है?

कोरोना का नया रूप जेएन.1 भारत और दुनिया में बढ़ रहा है, जिससे कई लोगों को डर है कि 2024 की शुरुआत में कोरोना का एक और बड़ा प्रकोप आ सकता है। क्या यह डर सही है?

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Covid harms brain, but not worse than pneumonia, heart attack

कोरोना का नया रूप जेएन.1 भारत और दुनिया में बढ़ रहा है, जिससे कई लोगों को डर है कि 2024 की शुरुआत में कोरोना का एक और बड़ा प्रकोप आ सकता है। क्या यह डर सही है?

भारत में पिछले 24 घंटों में 743 नए कोरोना मामले दर्ज हुए हैं। कुल सक्रिय मामलों में 7 की बढ़ोतरी हुई है और यह 3,997 तक पहुंच गया है।

भारत में अब तक जेएन.1 के कुल 162 मामले सामने आए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा केरल में 83 हैं।

कोरोना के इस नए रूप को लेकर WHO ने चेतावनी दी है कि पिछले महीने में अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू में जाने वाले मरीजों की संख्या में 35 फीसदी का इजाफा हुआ है।

हालांकि, डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा अभी कम है, क्योंकि ज्यादातर लोगों को अब वैक्सीन या पहले हुए संक्रमण से प्रतिरोधक क्षमता मिल चुकी है।

WHO ने भी इसे "लो ग्लोबल पब्लिक हेल्थ रिस्क" बताया है।

डॉ. ईश्वर गिल्डा का कहना है कि जब तक जेएन.1 को "वैरिएंट ऑफ कंसर्न" नहीं घोषित किया जाता, तब तक आम लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।

उनका कहना है कि भारत ने पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट (BA.2) से आए कोरोना के तीसरे लहर का काफी अच्छे से सामना किया था।

उन्होंने बताया कि भारत ने COVID-19 के खिलाफ दुनिया के सबसे अच्छे टीकाकरण अभियानों में से एक चलाया है, जिसमें 75% आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है और 35% आबादी को बूस्टर डोज मिल चुका है।

इसके अलावा, भारत ने अफ्रीका और अन्य देशों को कोरोना की तैयारियों, दवाओं और वैक्सीनों के साथ मदद भी की है।

हालांकि, जेएन.1 की वजह से अभी तक मृत्यु दर या अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है।

एक्सपर्ट्स अभी भी सलाह देते हैं कि बुजुर्ग, गंभीर बीमारियों वाले लोग और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने वाले लोग मास्क पहनें।

ये सावधानियां भले ही जेएन.1 के लिए ज्यादा जरूरी न हों, लेकिन कोरोना के किसी भी रूप से बचाव के लिए जरूरी हैं।


मुख्य बातें:

- भारत में पिछले 24 घंटे में 743 नए कोरोना के मामले आए हैं और कुल एक्टिव केस 3,997 हो गए हैं।
- अब तक भारत में JN.1 के 162 मामले सामने आए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा केस केरल में 83 हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" घोषित किया है, लेकिन वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को "कम" बताया है।
- डाक्टरों का कहना है कि भारत ने कोरोना का अच्छी तरह से सामना किया है और 75% आबादी पूर्ण टीकाकृत है।
- JN.1 का अभी तक भारत में खास प्रभाव नहीं देखा गया है, न तो मृत्यु दर बढ़ी है न ही अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है।
- डॉक्टरों की सलाह है कि बुजुर्ग, बीमार लोग और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने वाले लोग मास्क पहनें।

याद रखें:

- JN.1 अभी चिंता का विषय नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है।
- मास्क पहनें, हाथ धोएं और सामाजिक दूरी बनाए रखें।
- अगर आपको बुखार, खांसी या जुकाम जैसे लक्षण हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।