
Pneumonia Symptoms : खांसी-बुखार ही नहीं, इन 5 संकेतों से जानें कहीं आपको निमोनिया तो नहीं (फोटो सोर्स : Freepik)
Pneumonia Symptoms : अक्सर हम खांसी-जुकाम और बुखार को मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन ये छोटे दिखने वाले लक्षण कई बार एक बड़ी बीमारी निमोनिया का इशारा हो सकते हैं। हाल ही में मशहूर एक्टर धीरज कुमार की निमोनिया से मौत होने की खबर ने सबको चौंका दिया। ये बीमारी खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है। (Pneumonia symptoms in Hindi)
निमोनिया जिसे कुछ लोग न्यूमोनिया भी कहते हैं हमारे फेफड़ों का इन्फेक्शन है। इसमें फेफड़ों में सूजन आ जाती है और उनमें पानी या पस भर जाता है जिससे सांस लेने में बहुत दिक्कत होती है। ये सिर्फ बैक्टीरिया या वायरस से ही नहीं बल्कि फंगस, कुछ दवाओं या धूल के कणों से भी हो सकता है। जब हमारी इम्यूनिटी (रोगों से लड़ने की शक्ति) कमजोर होती है तब इसका खतरा बढ़ जाता है।
निमोनिया कई तरह का होता है:
बैक्टीरियल निमोनिया: ये सबसे आम है जो स्ट्रेप्टोकोकस निमोने जैसे बैक्टीरिया से होता है। बुढ़ापे, कुपोषण या बीमारी से शरीर कमजोर होने पर ये ज्यादा होता है।
वायरल निमोनिया: फ्लू जैसे वायरस के कारण होता है। अगर आपको वायरल निमोनिया है तो बैक्टीरियल निमोनिया होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
माइकोप्लाज्मा निमोनिया: ये एक खास कीटाणु माइकोप्लासम निमोने से फैलता है।
एस्पिरेशन निमोनिया: जब गलती से खाना, पानी या उल्टी फेफड़ों में चली जाती है। इसका इलाज थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
फंगल निमोनिया: ये फंगस से होता है जो अक्सर मिट्टी या पक्षियों के मल से हवा में मिलकर शरीर में घुस सकता है।
Walking Pneumonia: वॉकिंग निमोनिया के लक्षण और इलाज
लगातार खांसी और बलगम: सूखी या बलगम वाली खांसी हो तो सावधान हो जाएं।
बेहद कमजोरी और थकान: बहुत ज्यादा थकावट महसूस हो तो ध्यान दें।
तेज बुखार, पसीना और कंपकंपी: अचानक तेज बुखार के साथ पसीना और ठंड लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द: सांस फूलना और छाती में तेज दर्द सबसे गंभीर लक्षण है।
भूख में कमी और बेचैनी: भूख न लगना और बेचैनी भी इसका संकेत हो सकता है।
अगर आपको या किसी को भी ऐसे लक्षण दिखें तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें। समय पर जांच और इलाज बहुत जरूरी है।
डॉक्टर आमतौर पर इन जांचों से निमोनिया का पता लगाते हैं: ब्लड टेस्ट, छाती का एक्स-रे, बलगम की जांच (स्प्यूटम कल्चर), पल्स ऑक्सीमेट्री (ऑक्सीजन लेवल), सीटी स्कैन या कभी-कभी फेफड़ों के आसपास से फ्लूइड सैंपल की जांच।
निमोनिया से बचने के लिए साफ-सफाई रखें, हाथ धोएं, बीमार लोगों से दूरी बनाएं और हेल्दी खाना खाएं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए निमोनिया के टीके भी उपलब्ध हैं जिनके बारे में आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं।
Updated on:
21 Jul 2025 11:30 am
Published on:
21 Jul 2025 11:29 am
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