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Pollution risk : सर्दियों में बढ़ते प्रदुषण और स्मॉग से हार्ट को सुरक्षित रखने के 5 प्रभावशाली तरीके

बढ़ता प्रदूषण (Pollution risk) आपके हार्ट के लिए खतरा होता है। सर्दियों में स्मॉग के कारण दिल के मरीज कई समस्याओं से परेशान हो जाते हैं। इसलिए उन्हें निम्न सावधानियां बरतनी चहिए।

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pollution risk : भारत में प्रदुषण एक चिंताजनक स्वास्थ्य संकट है। जब बात दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों की आती है तो वहां पर मामला ओर भी गंभीर नजर आता है। यहां पर सर्दियों के मौसम में वायु प्रदुषण का स्तर अपने चरम पर पहुंच जाता है। इसलिए जो लोग इन इलाको में रहते हैं उनके लिए यह एक चिंता का विषय बन जाता है। उनके लिए अपने दिल को सुरक्षित कैसे रखा जाए और इससे कैसे बचा जाए एक लक्ष्य हो जाता है।

शहरी इलाको में स्वास्थ्य समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि हर वर्ष बाहरी प्रदूषण (Pollution risk) के हर साल वैश्विक स्तर पर लगभग 4.2 मिलियन अकाल मृत्यु हो जाती है, जिनमें से हृदय रोग वाले मरीज ज्यादा होते हैं।

स्मॉग की निगरानी के 5 सुझाव : 5 tips for monitoring smog

रक्तचाप का ध्यान रखें

यदि आप हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से परेशान है तो आपको रक्तचाप की नियमित निगरानी करने की आवश्यकता है। वायु प्रदूषण के रक्तचाप बढ़ जाता है। जिसके कारण आपके हार्ट पर इसका प्रभाव पड़ता है।

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हाइड्रेट रहें

जब प्रदूषण (pollution risk) का स्तर बढ़ जाता है जब हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी होता है। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी या डिहाइड्रेट रहते हैं तो इससे आपका रक्त गाढ़ा हो जाता है। जिसके कारण आपका हार्ट सही से पंप नहीं कर पाता है। जिसके कारण दिल के दौरे या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आप हाइड्रेट रहें।

Pollution risk : हार्ट के लक्षणों पर ध्यान दें

आपको प्रदूषण में या स्मॉग के दौरान हर एक हार्ट के संकेत को कम नहीं समझना चाहिए और इन लक्षणों पर बराबर ध्यान देते रहना चाहिए। इसलिए यदि आपका सांस फूलना, सीने में दर्द, थकान और धड़कन बढ़ने जैसी स्थिति होती है तो यह सब चेतावनी के संकेत हो सकते हैं। यदि आपको ऐसे लक्षण दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ये लक्षण एनजाइना, अतालता या यहाँ तक कि दिल के दौरे जैसी स्थितियों के शुरुआती संकेतक हो सकते हैं।

​हृदय संबंधी जांचों पर ध्यान दें

प्रदुषण (Pollution risk) के दौरान दिल के मरीज को अपनी जांचों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ​इसके लिए आप इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) करवा सकते हैं जो हृदय की विद्युत गतिविधि की अधिक सही स्थिति को दिखाता है। इस जांच से आप अनियमित हृदय ताल और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का पता लगा सकते हैं। यदि सीने में दर्द, थकान या अनियमित दिल की धड़कन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो पेशेवर मूल्यांकन महत्वपूर्ण रहता है।

स्वस्थ खानपान पर ध्यान दें

यदि आप प्रदूषण (Pollution risk) में सही खानपान अर्थात स्वस्थ आहार लेते हैं तो इससे वायु प्रदूषण का खतरा कम हो जाता है। आपको एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि फल, सब्जियाँ, मछली और साबुत अनाज आपकी मदद करने में सहायक हो सकते हैं। आप अपनी दिनचर्या में जामुन, पत्तेदार साग और मेवे जैसे अधिक सूजन-रोधी खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर सकते हैं।

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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।