
Indore Milk Union produces 30000 kg of milk powder daily
Powdered milk diabetes risk : बच्चों को शुरुआती जीवन में दूध पाउडर और अनाज खिलाना भविष्य में डायबिटीज़ (Diabetes) का खतरा बढ़ा सकता है। विश्व डायबिटीज़ दिवस के मौके पर विशेषज्ञों ने इस पर अपनी चिंता जाहिर की। हर साल 14 नवंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का इस बार का थीम है "बाधाएं तोड़ें, अंतर को पाटें।"
भारत को ‘डायबिटीज़ (Diabetes) की राजधानी’ कहा जाता है, जहां लगभग 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज़ (Diabetes) से पीड़ित हैं और करीब 2.5 करोड़ लोग प्रीडायबिटिक हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस रोग के फैलाव में पर्यावरण और आनुवंशिक कारणों के साथ-साथ जीवनशैली भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
डॉक्टर अम्बरीश मित्तल के अनुसार, "गर्भावस्था और शुरुआती जीवन में शक्कर का सेवन कम करने से डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर, और अन्य मेटाबॉलिक रोगों का खतरा घटाया जा सकता है।"
विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भ में बच्चे का शरीर उसी वातावरण के अनुसार ढलता है, जो उसे गर्भ में मिलता है। इसे एपिजेनेटिक प्रभाव कहा जाता है, जो बच्चे के आनुवंशिक प्रवृत्तियों पर असर डालता है।
हाल ही में साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गर्भ में रहते समय या पहले 1,000 दिनों में शक्कर का सेवन सीमित होने पर बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज़ (Type 2 Diabetes) का खतरा 35% तक कम हो सकता है। जन्म के बाद भी शक्कर की मात्रा को सीमित रखना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
डॉ. शशांक जोशी के अनुसार, शिशुओं की शुरुआती पोषण में दूध पाउडर और अनाज जैसी प्रसंस्कृत चीजें शामिल होने से बच्चे की मेटाबॉलिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इनका सेवन भविष्य में ग्लूकोज स्तर को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे उत्पादों में रिफाइंड शक्कर और कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो डायबिटीज़ (Diabetes) का खतरा बढ़ा सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2 साल तक के बच्चों को प्रसंस्कृत आहार और शक्कर से बचाना चाहिए। 6 महीने के बाद जब ठोस आहार दिया जाने लगता है, तो शक्कर की मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है। 3 साल के बच्चों को भी मीठे स्नैक्स या पेय पदार्थों से दूर रखना चाहिए।
ताजे फल बच्चों की मीठी खाने की इच्छा को पूरा कर सकते हैं और साथ ही पोषक तत्व और फाइबर भी देते हैं।
शक्कर वाले स्नैक्स जैसे चॉकलेट, आइस क्रीम, और मिठाई देने से बचें।
बच्चों को स्वस्थ विकल्पों से परिचित कराएं जैसे खजूर, सूखे मेवे और फलों का सेवन।
इस तरह से बच्चों की शक्कर की खपत पर नजर रखना और उन्हें स्वस्थ विकल्पों की ओर प्रेरित करना भविष्य में डायबिटीज़ और अन्य मेटाबॉलिक समस्याओं के खतरे को कम कर सकता है।
Updated on:
14 Nov 2024 11:11 am
Published on:
14 Nov 2024 10:55 am
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