
Shefali Jariwala Death: शेफाली जरीवाल और डॉक्टर की फाइल फोटो
Shefali Jariwala Death Reason: 'कांटा लगा' फेम एक्ट्रेस शेफाली जरीवाल (42 वर्षीय) का अचानक यूं चला जाना सबको सदमे में डाल रखा है। मुंबई पुलिस की ओर से जांच पड़तला किया जा रहा है। शेफाली की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुकी है। हालांकि, पुलिस सूत्रों ने बताया है कि शेफाली के घर पर एंटी एजिंग दवाई (टैबलेट्स व इंजेक्शन) मिले हैं। इस बात को भी मौत के कारण से जोड़ा जा रहा है। ये दवाई शेफाली जरीवाल (Shefali Jariwala Anti Aging Medicine) करीब 8 साल से ले रही थीं। चलिए, हम डॉक्टर से समझते हैं कि एंटी एजिंग या ब्यूटी वाली मेडिसीन का शरीर के लिए कितनी खतरनाक हैं-
एक्ट्रेस शेफाली जरीवाल की मौत के बाद पुलिस पहुंची थी। फॉरेंसिक टीम भी मौक पर आई। इसके बाद अस्पताल में मौत की पुष्टि होने के बाद शेफाली के शव को कूपर अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद शेफाली की पोस्टमार्टम की गई। हालांकि, कुछ कारणों से अभी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। इसलिए मौत का कारण स्पष्ट नहीं है।
बताया जा रहा है कि शेफाली कई सालों से एंटी-एजिंग दवाएं ले रही थीं। 27 जून को परिवार ने एक पूजा रखी थी, जिस कारण शेफाली ने पूरे दिन उपवास रखा था । इसके बावजूद दोपहर में उन्होंने एंटी-एजिंग दवा का इंजेक्शन लिया। रात करीब 11 बजे कंपकंपी महसूस होने के बाद शेफाली अचानक जमीन पर गिर पड़ी थीं। उन्हें लगभग 8 साल पहले ये दवाएं लेने की सलाह दी गई थी और तब से हर महीने शेफाली इन्हें ले रही थीं।
डॉ. हिमांशु गुप्ता, फिजिशियन (जयपुर) ने एंटी एजिंग दवाईयों को लेकर ये बताया कि इनसे शरीर पर प्रभाव पड़ता है। इस बात को हम सीकेएम सिंड्रोम (CKM syndrome); इसमें कार्डियोवैस्कुलर (दिल की बीमारी), किडनी और मेटाबॉलिज्म, के जरिए समझ सकते हैं। ये तीनों अंग हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। जैसे हम लाइफस्टाइल को लेकर बदलाव करते हैं तो इनका प्रभाव शरीर पर किस तरह पड़ सकता है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
खासकर, भारतीय पश्चिम ट्रेंड को तेजी से फॉलो कर रहे हैं, जिसमें एक है- एंटी एजिंग, ब्यूटी, वेट लॉस, जिम आदि। इसके लिए दवाईयों का प्रचलन भी बढ़ा है। कहीं ना कहीं इन सभी चीजों का प्रभाव देखने को मिल रहा है। वेस्टर्न में इसको लेकर काफी रिसर्च है लेकिन भारतीयों पर इसको लेकर शोध ना के बराबर हैं। ये बात साफ है कि एंटी एजिंग जैसी दवाईयां नुकसान पहुंचाती हैं। खासकर, लंबे समय तक लेने से भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
शोध में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि विटामिन ई जैसी चीजों से हार्ट अटैक या दिल की बीमारी होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। जबकि, अपने यहां विटामिन ई जैसी दवाई अधिकतर लोग बिना डॉक्टरी सलाह के खाते हैं या अन्य प्रकार से यूज करते हैं। इस तरह से दवाई का प्रयोग बिना डॉक्टरी निगरानी के खतरनाक साबित होता है।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी डॉक्टर की बातचीत व ऑनलाइन उपलब्ध डेटा के आधार पर है। ये केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।
Updated on:
30 Jun 2025 05:14 pm
Published on:
29 Jun 2025 01:36 pm
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