यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के क्लीनिकल प्रोफेसर व अध्ययन के लेखक डेविड हिलमैन के मुताबिक, शोध में पाया गया कि स्लीप एपनिया में जो लक्षण सामने आते हैं, वह अवसाद के जैसे होते हैं। अक्सर इससे पीड़ित लोगों को अवसाद का शिकार समझ लिया जाता है।
हालांकि हिलमैन ने कहा कि प्रभावशाली चिकित्सा से पीड़ितों की हालत में सुधार हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, खरांटे भरना, अचानक से सांस रुक जाना, नींद का बार-बार टूटना और दिन में ज्यादा नींद आना स्लीप एपनिया के लक्षण हैं।
इसके अलावा जो लोग दिन में सोते हैं, वे मोटापे की गिरफ्त में जल्दी आ जाते हैं। दोपहर में सोने से पाचन तंत्र बिगड़ सकता है। खाना ठीक से पचेगा नहीं और इस वजह से पेट से संबंधित कई बीमारियां होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।