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पंचमहाभूत से तय होता है हमारी त्वचा का रंग, आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य भी अहम

locationजयपुरPublished: Jul 17, 2020 03:40:12 pm

Submitted by:

Hemant Pandey

आयुर्वेद में चार वर्ण (त्वचा ) कृष्ण, श्याम, श्यामावदाता (गेहुआ) और अवदात (गोरा) होते हैं। त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाने के लिए आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य पर ध्यान दिया जाता है।

पंचमहाभूत से तय होता है हमारी त्वचा का रंग, आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य भी अहम

पंचमहाभूत से तय होता है हमारी त्वचा का रंग, आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य भी अहम

आयुर्वेद में चार वर्ण (त्वचा ) कृष्ण, श्याम, श्यामावदाता (गेहुआ) और अवदात (गोरा) होते हैं। त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाने के लिए आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य पर ध्यान दिया जाता है। वहीं होम्योपैथी में मानसिक समस्या से त्वचा के विकारों को जोड़ा गया है।
पंचमहाभूत का है महत्व
ब्रह्मांड में जैसे हर चीज के निर्माण में पंचभौतिक यानी पंचमहाभूत आकाश, वायु, अग्नि, पृथ्वी और जल का योगदान होता है। आयुर्वेद के अनुसार पंचमहाभूत से ही त्वचा कर रंग तय होता है। पथ्वी महाभूत की अधिकता से कृष्ण यानी काला रंग तो अग्नि और जल महाभूत की अधिकता से गोरा रंग होता है।
गर्भ से ही रंग का निर्धारण
किसी भी व्यक्ति का रंग गर्भ से ही निर्धारित होता है। इसमें मां के खानपान के साथ उसका दिनचर्या और व्यवहार भी महत्वपूर्ण होता है। जन्म के बाद अच्छा खानपान, व्यवहार और सही दिनचर्या से ही त्वचा अच्छी रहती है।
नमक कम मात्रा में खाएं
अच्छी त्वचा के लिए लवण और क्षारीय चीजें कम मात्रा में खाएं। प्राकृतिक फल-सब्जियां ज्यादा मात्रा में लें। सात्विक भोजन ही करें। पर्याप्त नींद लें। ब्रह्ममुर्हूत में उठें। ब्रह्मचर्य का अर्थ प्रकृति के विपरीत कोई भी काम न करें।
निखार लाते हैं ये १० पौधे
चंदन का लेप/तेल, केसर का लेप/ मालिश, कमल के फूल का लेप, उशीर का लेप/शर्बत, मंजिष्ठा का काढ़ा/लेप, अनंतमूल का लेप/काढ़ा, दूब का लेप, हल्दी का लेप/मालिश, हल्दी-निर्गुंडी लेप या सरसों के उबटन से निखार आता है।
मानसिक समस्या है जड़
होम्योपैथी के अनुसार त्वचा संबंधी परेशानी का सीधा संबंध मानसिक व वातावरण से होता है। तनाव से जल्दी झुर्रियां आती हैं। निखार कम हो जाता है।
चेहरे पर होता जल्दी असर
मानसिक-पर्यावरणीय कारण का सबसे पहले दुष्प्रभाव त्वचा पर ही पड़ता है।
त्वचा में भी सबसे पहले चेहरे पर असर पड़ता है। इसमें फेशियल मसल्स होते हैं।
फेशियल एक्सप्रेशन सेल्स डैमेज होने से तनाव-चिंता चेहरे पर दिखता है।
होम्योपैथी में कई दवाइयां हैं जो इस तरह की समस्याओं को कारगर हैं।
एलोवेरा और कैलेंडूला से बनी दवाइयां त्ववा रोगों में अधिक फायदेमंद होती हैं।
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