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शरीर की अग्नि बढ़ाकर नेचुरोपैथी में कम करते हैं वजन

नेचुरोपैथी के अनुसार शरीर का निर्माण पंच महाभूत यानी क्षति, जल, पावक, गगन, समीरा को मनाया गया है।

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शरीर की अग्नि बढ़ाकर नेचुरोपैथी में कम करते हैं वजन

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नेचुरोपैथी के अनुसार शरीर का निर्माण पंच महाभूत यानी क्षति, जल, पावक, गगन, समीरा को मनाया गया है। इन पांचों तत्त्वों के असंतुलन से ही शरीर में व्याधियां होती हैं। इलाज भी इनसे ही किया जाता है। जानते हैं कि मोटापे को करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपाय-
गर्मी बढ़ाना जरूरी क्यों
शरीर में अग्नि तत्त्व बढ़ाने का अर्थ अंदर की गर्मी को बढ़ाना है। यह कई तरह से संभव है जैसे व्यायाम और कुछ प्राकृतिक उपाय भी हैं। गर्मी बढऩे से शरीर का मेटाबॉलिक रेट भी बढ़ता है। इससे शरीर में जमी चर्बी पिघलने लगती है और मोटापा कम होने लगता है।
सप्ताह में दो दिन 10-10 मिनट लें सूर्य चिकित्सा
इसमें सुबह करीब 10 बजे के आसपास पूरे शरीर में सरसों, तिल या नारियल का तेल लगाएं। फिर गर्दन से नीचे वाले हिस्से को अच्छे से प्लास्टिक लपेट दें ताकि बाहर से हवा अंदर नहीं जाए। अब धूप में 10-12 मिनट तक पेट के बल लेटें। कोई दिक्कत है तो पीठ के बल लेटे या बैठ जाएं। इससे तेजी से वजन कम होता है। इससे पहले पेट भर पानी पीएं और सिर पर गीला कपड़ा रखें। यह क्रिया खाली पेट ही करें।
गर्म पाद स्नान
एक बाल्टी में सहन करने योग्य गर्म पानी भरें। फिर गर्दन से नीचे के शरीर को कंबल से ढक ेदें। बाल्टी में 30-35 मिनट तक पैरों को डालकर बैठें। इस प्रक्रिया से पहले पेटभर पानी पीएं। सिर पर गीला कपड़ा रख लें। पानी ठंडा होने लगे तो उसमें थोड़ा-थोड़ा गर्म पानी मिलाएं। इससे शरीर की गर्मी बढ़ती है। वजन कम होता है। सिरदर्द, बीपी और बुखार कम करने में भी उपयोगी है। इसको कोई भी आसानी से घर पर कर सकता है। सप्ताह में 3-4 बार इसे किया जा सकता है।
सर्वांग गीली चादर विधि
इस विधि में सबसे पहले पूरे शरीर पर कोई तेल लगा लेते हैं। फिर सूती चादर को गीली कर गर्दन से नीचे हिस्से पर लपेट लेते हैं। इसके बाद सूखी चादर और इसके बाद कंबल ओढ़ लेते हैं। सिर पर गिला कपड़ा रखें। इलाज से पहले भरपेट पानी पीएं। 30-35 मिनट तक प्रयोग करें। सप्ताह में 2-3 बार कर सकते हैं।
सावधानियां
इनको खाली पेट ही सुबह करें। सिर पर गीला कपड़ा इसलिए रखते हैं कि शरीर में गर्मी बढऩे पर सिर की गर्मी न बढ़े। इससे सिरदर्द, बेहोशी, घबराहट, बेचैनी, चक्कर आना आदि समस्या हो सकती है।