Soaked Food Benefits: कई चीजें ऐसी होती है जो हमारे लिए फायदेमंद तो होती है लेकिन यदि हम उनको बिना भिगोकर खाते हैं तो हमारे लिए हानिकारक भी हो सकती है। जानिए कौनसी है वो चीज।
Soaked Food Benefits: हमारे शरीर को हेल्दी रखने के लिए पोषण से भरपूर चीजें खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कुछ चीजों का सेवन सही तरीके से नहीं किया जाता है तो वे नुकसानदायक भी हो सकती है। ऐसे में आज हम जानेंगे की कौनसी चीज है जिन्हें बिना भिगोकर खाने से नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं उन्हीं नट्स के बारे में जिन्हें बिना भिगोकर खाना नुकसान दे सकता है।
किशमिश नहीं खाएं
किशमिश सूखे अंगूर से तैयार की जाती है और इसमें प्राकृतिक शर्करा और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है। हालांकि, किशमिश को बिना भिगोए खाने से इसकी उच्च शर्करा आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
बादाम नहीं खाएं
बादाम को एक सुपरफूड के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसे बिना भिगोए खाने से इसके पोषक तत्वों का पूर्ण अवशोषण नहीं हो पाता। बादाम की बाहरी परत, जिसे पेलिका कहा जाता है, में टैनिन मौजूद होता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालता है।
चना नहीं खाएं
चना प्रोटीन और फाइबर का एक शानदार स्रोत है, लेकिन इसे बिना भिगोए खाना मुश्किल हो सकता है. कच्चा या बिना भिगोया हुआ चना न केवल पचने में भारी होता है, बल्कि यह पेट में गैस और असहजता पैदा कर सकता है.
चने (Soaked Food Benefits) की कठोरता घट जाती है, जिससे इसे पचाना सरल हो जाता है। इसमें उपस्थित फाइटिक एसिड का स्तर कम हो जाता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में रुकावट डालता है। अंकुरित चने के रूप में सेवन करने से इसके पोषक तत्वों की गुणवत्ता और भी बेहतर हो जाती है।
टैनिन का निष्कासन होता है, जिससे पोषक तत्वों का शरीर में अवशोषण सरल हो जाता है। इससे पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है। बादाम (Soaked Food Benefits) को भिगोने से यह मुलायम हो जाता है, जिससे इसे चबाना और पचाना अधिक सहज हो जाता है।
इसमें उपस्थित अतिरिक्त चीनी संतुलित हो जाती है। यह पाचन को सरल बनाती है। भिगोई हुई किशमिश (Soaked Food Benefits) शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करती है और एंटीऑक्सीडेंट्स को सक्रिय करती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।