
स्पाइनल कॉर्ड के दोबारा प्रत्यारोपण से पैरालाइसिस पेशेंट को चलने का मिल सकता है एक और मौका
जैसा कि रिसर्च और डॉक्टर को कहना है कि अक्सर पैरालिसिस जो कमर के इर्द-गिर्द से शुरू होती है। उन का मेन कारण स्पाइनल कॉर्ड में आई प्रॉब्लम ही होती है । स्पाइनल कॉर्ड का सही से काम ना करना अपको पैरालिसिस सेजुड़ी तकलीफ है दे सकते हैं । आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी विषय में बताने जा रहे हैं हाल ही में आई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि स्पाइनल कॉर्ड के दोबारा प्रत्यारोपण करने से पैरालाइसिस को भी ठीक किया जा सकता है ।और स्पाइनल कॉर्ड को ठीक करके पेशेंट को दोबारा उनके अपने पैरों पर चलाया भी जा सकता है।
इम्प्लांट उसकी मांसपेशियों में विद्युत स्पंद भेजता है, मस्तिष्क की क्रिया की नकल करता है, और एक दिन रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट वाले लोगों को खड़े होने, चलने और व्यायाम करने में मदद कर सकता है।
यह रीढ़ की हड्डी की चोटों वाले लोगों के लिए जीवन की तौर तरीके में सुधार के लिए इलेक्ट्रिक वेव्स का उपयोग वाले लंबे समय से चल रहे शोध पर आधारित है। जिसमें उसी टीम द्वारा 2018 का अध्ययन भी शामिल है जिसने आंशिक निचले शरीर के पक्षाघात वाले लोगों को फिर से चलने में मदद की।
इस तरीके का सुधार इलेक्ट्रिक उत्तेजना पर निर्भर करते हैं। जो रोगी द्वारा किए गए कंप्यूटर के माध्यम से ट्रिगर होता है जो वेव्स के पैटर्न को सक्रिय करता है। दो रोगी अब अपनी मांसपेशियों को बिना बिजली के पल्स के थोड़ा सक्रिय कर सकते हैं।
यह एक बहुत बड़ा योगदान है जिसने कई सारे लोग जो अपने पैरों पर चलने में सक्षम नहीं थे जिन्होंने अपने तौर तरीके से अपना जीवन जीना भी छोड़ दिया उनके लिए एक नए जीवन की शुरुआत की उन्हें सक्षम बनाया इस तरह के रिसर्च में अभी और योगदान को अवास्यकता है।
Updated on:
08 Feb 2022 12:33 pm
Published on:
08 Feb 2022 11:45 am
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