12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आप भी स्पॉन्डिलाइटिस से हैं परेशान, तो जानें ये 5 खास बातें

आमतौर पर स्पॉन्डिलाइटिस के शिकार 40 से ज्यादा उम्र के पुरुष और महिलाएं होती हैं, स्पॉन्डिलाइटिस एक प्रकार की सूजन है, जो हमारी रीढ़ के जोड़ों में होती है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Vikas Gupta

Oct 06, 2018

spondylitis-diseases-and-its-cure

आमतौर पर स्पॉन्डिलाइटिस के शिकार 40 से ज्यादा उम्र के पुरुष और महिलाएं होती हैं, स्पॉन्डिलाइटिस एक प्रकार की सूजन है, जो हमारी रीढ़ के जोड़ों में होती है।

स्पॉन्डिलाइटिस स्पाइन (रीढ़ की हड्डी) को प्रभावित करने वाली एक समस्या है। आमतौर पर स्पॉन्डिलाइटिस के शिकार 40 से ज्यादा उम्र के पुरुष और महिलाएं होती हैं, स्पॉन्डिलाइटिस एक प्रकार की सूजन है, जो हमारी रीढ़ के जोड़ों में होती है।

रीढ़ से होती है समस्या -

रीढ़ कई जटिल जोड़ों से बनी होती है। यदि किसी भी जोड़ में सूजन आ जाए तो तेज दर्द होने लगता है, जिसे स्पॉन्डिलाइटिस कहते हैं। ऐसा ही एक खास जोड़ है 'इंटरवर्टेब्रल डिस्क' जिसमें एक मुलायम जैल होता है। यह 'शॉक एब्जॉर्बर' का काम करता है और झटके लगने पर रीढ़ को नुकसान होने से बचाता है। लेकिन कई बार जब यह जैल कम हो जाता है तो जोड़ों में अकडऩ और दर्द होने लगता है।

यह होते हैं स्पॉन्डिलाइटिस के कारण

बढ़ती उम्र, बैठने का गलत तरीका, व्यायाम न करना, खराब जीवनशैली, मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन, अनियंत्रित डायबिटीज, थायरॉइड, बढ़ा हुआ यूरिक एसिड और कोलेस्ट्रॉल, स्पॉन्डिलाइटिस के प्रमुख कारण हैं। जिसमें पीठ और गर्दन में तेज दर्द होता है।

ध्यान रखें
कुछ बातों का ध्यान रखकर हम स्वयं को इस बीमारी से बचा सकते हैं जैसे कि सही ढंग से बैठना, नियमित व्यायाम और सेहतमंद भोजन करना। सर्दी में गर्म कपड़े पहनना और दर्द वाले हिस्सों पर सिकाई करना भी लाभदायक होता है। जीवनशैली, शुगर, यूरिक एसिड व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखकर स्पॉन्डिलाइटिस से बचा जा सकता है।

इलाज से राहत
स्पॉन्डिलाइटिस के इलाज में अल्ट्रासोनिक मसाज, शॉर्ट वेव व मीडियम वेव डायाथर्मी, इंटरफेरेंशिअल थैरेपी, एक्यूपंचर व एक्यूप्रेशर, व्यायाम आदि के साथ दवाओं से मरीज का इलाज किया जाता है। इससे कम हो चुके जैल को बढ़ाया जाता है। जो मरीज सिहरन या सुन्नता से पीड़ित हों, उनका ऑपरेशन के बिना भी अन्य तरीकों से इलाज किया जा सकता है।

एेसे पहचाने स्पॉन्डिलाइटिस को

स्पॉन्डिलाइटिस में कंधों, कमर और गर्दन में तेज दर्द होता है। समय के साथ धीरे-धीरे दर्द गंभीर हो जाता है। गर्दन से कंधों के बाद ये दर्द हाथों, सिर के निचले हिस्से और पीठ के ऊपरी हिस्से में भी होना शुरू हो जाता है। इसमें कभी-कभी छाती में दर्द होने लगता है। हाथ की उंगलियां सुन्न होने लगती है।