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तनाव से बढ़ता हृदय रोगों का खतरा, नियमित दिनचर्या से ही बचाव संभव

locationजयपुरPublished: Apr 26, 2020 08:10:47 pm

Submitted by:

Hemant Pandey

भागदौड़ अधिक होने से तनाव बढ़ता है। तनाव हृदय की मांसपेशियों को चोट पहुंचाता है जिससे इस्केमिया पैदा होता है।

तनाव से बढ़ता हृदय रोगों का खतरा, नियमित दिनचर्या से ही बचाव संभव

तनाव से बढ़ता हृदय रोगों का खतरा, नियमित दिनचर्या से ही बचाव संभव

भागदौड़ अधिक होने से तनाव बढ़ता है। तनाव हृदय की मांसपेशियों को चोट पहुंचाता है जिससे इस्केमिया पैदा होता है। इससे हृदय से जुड़े रोगों का खतरा बढ़ जाता है। कोरनरी धमनी की बीमारी खराब दिनचर्या और तनावपूर्ण जीवन के कारण बढ़ती जा रही है। जानते हैं इसके बारे में-
तीन मुख्य लक्षण
हृदय से जुड़े रोगों के तीन मुख्य लक्षण होते हैं। पहला, सीने में दर्द। इसमें छाती में असहजता महसूस होना या बाएं हाथ और पीठ में भारीपन महसूस होता है। दूसरा, जिसको डिस्निया कहते हैं। इसमें मरीज कुछ कदम चलने या फिर आराम से भी चलता है तो सांस उखड़ती है। तीसरा, घबराहट। इसमें भारी खाना खाने के बाद या दैनिक क्रिया करते समय भी घबराहट होती है। हार्ट डिजीज का खतरा सबसे अधिक डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को होता है। अगर कोई डायबिटीज का मरीज है तो उसको कंट्रोल रखना चाहिए क्योंकि डायबिटीज अधिक होने पर दर्द का एहसास नहीं होता है। ऐसे रोगियों को दिल का दौरा पड़ता है तो महसूस नहीं होता है। इसलिए नियमित शुगर का टेस्ट करवाते रहें। इससे शुगर लेवल का पता चलता रहता है।
ऐसे करें बचाव
सुबह जल्दी उठें और रोजाना करीब 45-50 मिनट व्यायाम करें। रोजाना ब्रिस्क वॉक, योग-व्यायाम से हार्ट डिजीज को बढऩे से रोका जा सकता है। अगर नहीं हुआ है तो बचाव संभव है। सुबह वॉक करने से तनाव भी कम होता है। तनाव घटने से हृदय रोगों का खतरा भी कम होता है। कोई ऐसा काम न करें जिससे तनाव बढ़े। खाने में शक्कर, फैटी वाली चीजें न लें। डाइट में बादाम और अखरोट जैसे नट्स शामिल करें। विटामिन सी और ई वाले फल-सब्जियां ज्यादा लें। कोशिश करें जो फल-सब्जियां खा रहे हैं वो कैमिकल रहित हों।
डॉ.राम चंद्र शेरावत, कॉर्डियोलॉजिस्ट, जयपुर
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