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गर्भवती महिलाओं को खुशखबरी! कैल्शियम की एक गोली, दो बड़े खतरों से छुटकारा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुशंसित कैल्शियम की मात्रा (500 मिलीग्राम की एक गोली के बराबर) से कम मात्रा में सेवन गर्भवती महिलाओं में होने वाली दो आम समस्याओं, प्रीक्लेम्पसिया और समय से पहले जन्म के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है, जो माँ और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा हो सकता है। यह दावा भारत और तंजानिया में गर्भवती महिलाओं पर किए गए एक बड़े अध्ययन में किया गया है।

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Study Shows Low-Dose Calcium Cuts Pregnancy Risks

गर्भवती महिलाओं के लिए खुशखबरी: कम कैल्शियम गोलियां, प्रीक्लेम्पसिया और समय से पहले जन्म का कम खतरा
नई दिल्ली: गर्भवती महिलाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है! विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तुलना में कम खुराक वाली कैल्शियम गोलियां लेने से प्रीक्लेम्पसिया और समय से पहले जन्म जैसे गंभीर जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है. ये दोनों ही स्थितियां मां और बच्चे के लिए घातक हो सकती हैं.

अब तक यह माना जाता था कि गर्भवती महिलाओं को प्रीक्लेम्पसिया से बचने के लिए रोजाना तीन 500 मिलीग्राम की कैल्शियम गोलियां लेनी चाहिए. लेकिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक बड़ा अध्ययन किया है, जिसमें उन्होंने पाया है कि मात्र एक 500 मिलीग्राम की कैल्शियम गोली उतनी ही प्रभावी हो सकती है.

इस अध्ययन के नतीजे न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुए हैं. अध्ययन के सह-लेखक क्रिस्टोफर सुडफेल्ड का कहना है, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि रोजाना एक गोली उतनी ही प्रभावी हो सकती है, जितनी कि तीन गोलियां."

उन्होंने आगे कहा, "कम गोलियों से महिलाओं पर कम बोझ पड़ेगा और सरकारों और कार्यक्रमों पर भी कम खर्च आएगा. इसलिए गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम सप्लिमेंट का इस्तेमाल उन जगहों पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. इससे हजारों माताओं और नवजात शिशुओं की जान बचाई जा सकती है."

शोधकर्ताओं ने भारत और तंजानिया में कुल 22,000 गर्भवती महिलाओं पर अध्ययन किया. उन्हें यह पता लगाना था कि रोजाना 500 मिलीग्राम कैल्शियम लेने से 1,500 मिलीग्राम कैल्शियम लेने जितना असर पड़ता है या नहीं.

इस अध्ययन में शामिल सभी महिलाएं पहली बार गर्भवती थीं, जिससे उनमें प्रीक्लेम्पसिया का खतरा अधिक था. 20 सप्ताह के गर्भधारण से शुरू होकर, उन्हें हर महीने कैल्शियम सप्लिमेंट दिया जाता था, जिसमें या तो तीन 500 मिलीग्राम की कैल्शियम गोलियां या एक 500 मिलीग्राम की कैल्शियम गोली और दो प्लेसीबो गोलियां शामिल थीं.

उनके स्वास्थ्य की हर महीने क्लिनिक विज़िट के दौरान, प्रसव के समय और बच्चे के जन्म के छह सप्ताह बाद तक निगरानी की गई.

भारत के अध्ययन में, रोजाना 500 मिलीग्राम कैल्शियम लेने वाली महिलाओं में प्रीक्लेम्पसिया का 3.0 प्रतिशत था और रोजाना 1,500 मिलीग्राम कैल्शियम लेने वाली महिलाओं में 3.6 प्रतिशत था. तंजानिया के अध्ययन में, प्रीक्लेम्पसिया का प्रसार क्रमशः 3.0 प्रतिशत और 2.7 प्रतिशत था.

समय से पहले जन्म के नतीजे मिश्रित थे. भारत के अध्ययन में, समय से पहले जन्म का प्रतिशत 500 मिलीग्राम कैल्शियम लेने वाली महिलाओं में 11.4 प्रतिशत और 1,500 मिलीग्राम कैल्शियम लेने वाली महिलाओं में 12.8 प्रतिशत था, जो दोनों खुराकों के समान प्रभाव को दर्शाता है. तंजानिया के अध्ययन में, समय से पहले जन्म का प्रतिशत क्रमशः 10.4 प्रतिशत और 9.7 प्रतिशत था.

हालांकि, जब शोधकर्ताओं ने दोनों परीक्षणों से डेटा को एक साथ जोड़ा, तो उन्होंने पाया कि कम खुराक वाले सप्लिमेंट का प्रभाव समय से पहले जन्म पर उच्च खुराक वाले सप्लिमेंट के मुकाबले काफी अलग नहीं था.

(IANS)