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Health Tips: ज्यादा गुस्सा आना किन स्वास्थ्य समस्याओं का हो सकता है संकेत

Health Tips: आजकल छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने और चिड़चिड़ाने की आदत सामान्य हो गई है। लेकिन हर बार इसे सामान्य मान लेना ठीक नहीं है। ज्यादा गुस्सा आना आपके स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। बर्न आउट में हर समय थकान और चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है। ग्लूकोज का स्तर सामान्य से कम होने पर भी लोग गुस्सैल और आक्रामक हो जाते हैं।

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Health Tips: ज्यादा गुस्सा आना किन स्वास्थ्य समस्याओं का हो सकता है संकेत

Sudden Anger indicates health problem

नई दिल्ली। Health Tips: आजकल की भाग-दौड़ की जिंदगी में गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन सामान्य है। गुस्सा आना एक तरह की आम प्रवृति है। गुस्सा हर किसी को आता है, किसी को अधिक तो किसी को कम। हालांकि, अगर गुस्सा अधिक आए या छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आना अच्छा संकेत नहीं होता। इस तरह की स्थिति शारीरिक और मानसिक रूप से आपको प्रवाहित कर सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक हार्मोंस के कारण व्यक्ति को पॉजिटिव और निगेटिव फीलिंग्स आती हैं। इतना ही नहीं उनके गुस्से, चिड़चिड़पन और डिप्रेशन का कारण भी हार्मोंस ही हैं। ग्लूकोज का स्तर सामान्य से कम होने पर भी लोग गुस्सैल और आक्रामक हो जाते हैं। जिससे उनके बर्ताव में भी बदलाव आ जाता है। आइए जानते हैं गुस्सा आना किन स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।

ज्यादा गुस्सा आना बीमारियों का संकेत

1. डिप्रेशन के कारण :

छोटी-छोटी बातों पर चिल्ला देना या बहुत तेज गुस्सा आना। इसके अलावा दिनभर चिड़चिड़ाते रहना। ये दोनों ही चीजें डिप्रेशन का लक्षण हैं। कभी कभी गुस्सा या मूड स्विंग्स होना अलग बात है, लेकिन अगर आपके साथ अक्सर ऐसा होता है, या लंबे समय से आप उदासी या गुस्से से घिरे हुए हैं, तो आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में आपको अपने मन की बात किसी खास दोस्त या क्लोज व्यक्ति से शेयर करनी चाहिए या विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।

2. ग्लूकोज कम होने के कारण :

ग्लूकोज का स्तर सामान्य से कम होने पर लोग गुस्सैल और आक्रामक हो जाते हैं। जब शरीर में ग्लूकोज का स्तर कम होने लगता है तो गुस्सा आना सामान्य है। ग्लूकोज का स्तर कम होने से उत्पन्न भूख और क्रोध की स्थिति लोगों के बर्ताव को भी प्रभावित कर सकती है।

3. सेरोटोनिन हार्मोन के कारण :

कुछ लोगों को हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आ जाता है। वह बहुत जल्दी हाईपर हो जाते हैं और तेज आवाज में बात करके अपना गुस्सा जताते हैं। ये उनके स्वभाव नहीं बल्कि हार्मोन के कारण होता है। ऐसे स्वभाव के लिए सेरोटोनिन हार्मोन जिम्मेदार होते हैं। यह हार्मोन हमारे दिमाग को कंट्रोल करता है, जिसके असंतुलन के कारण लोगों को गुस्सा आता है।

4. हाई ब्लड शुगर के कारण :

डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में भी मूड स्विंग्स देखा जा सकता है। चिड़चिड़ापन या फिर ज्यादा गुस्सा शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने के कारण भी आ सकता है। बता दें कि पैन्क्रियाज से निकलने वाला हार्मोन इंसुलिन जब शरीर में कम मात्रा में प्रोड्यूस होने लगता है तो इससे लोगों का बर्ताव भी प्रभावित होता है।

5. बर्न आउट के कारण :

बर्न आउट में हर समय थकान और चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को बात-बात पर गुस्सा आ जाता है। बर्न आउट की स्थिति में ज्यादातर वे लोग पाए जाते है जो घर पर या ऑफिस में लम्बे समय से तनाव में कार्य करते रहते है बहुत अधिक थकान, शरीर में सूजन और सायकॉलजिकल तनाव का बढ़ना एक दूसरे से लिंक है। जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो हार्ट टिश्यूज को डैमेज करने के का काम करती है। आप लम्बे समय तक स्ट्रेस या तनाव की स्थिति में रहते है या ऐसी स्थिति से बाहर नहीं आ पाते है तो आप बर्न आउट के शिकार है।

6. थायरॉयड के कारण :

थायरॉयड बॉडी में एक ग्रंथि होती है, जिससे थायरॉयड हार्मोन निकलता है। इस हार्मोन से हमारे वर्किंग स्टाइल पर असर पड़ता है। इस हार्मोन की कमी से डिप्रेशन, मेनटली वीकनेस, थकान और नींद जैसी दिक्कतें होती हैं। जब शरीर में ये हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं निकल पाता है तो लोग हाइपोथायरॉयड से पीड़ित हो जाते हैं। वहीं, इस हार्मोन की कमी से भी लोगों को अधिक गुस्सा आ सकता है।