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एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर फिलहाल केवल सरकारी अस्पतालों में ही मिलेगी

चिकित्सकों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए करीब दो लाख 60 हजार एन-95 मास्क खरीदे जाएंगे।

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दवा रेमेडिसीवर पर हो रहा परीक्षण।

- छह माह चिकित्सकों व नर्सों को मिलेगा ज्यादा वेतन

बेंगलूरु. कोविड टास्क फोर्स समिति की मंगलवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने बताया कि कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के लिए सरकार चार लाख रैपिड एंटीजेन किट पांच लाख स्वाब जांच किट मंगाएगी। 16 आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन) और 15 ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रैक्शन इकाई स्थापित की जाएंगी ताकि प्रतिदिन 50 हजार सैंपल जांचने का लक्ष्य पूरा हो सके।

उपचार के लिए अतिरिक्त दवाओं को स्वीकृति मिलेगी। एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर की कालाबाजारी न हो इसके लिए यह दवा फिलहाल सरकारी अस्पतालों में ही उपलब्ध होगी, जबकि निजी अस्पतालों को सरकार ही इसे उपलब्ध कराएगी। (Supply of Remdesivir to private hospitals to be regulated by Government to check black marketing and hoarding)

अगले छह माह के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को अतिरिक्त वेतन मिलेगा। आयुष चिकित्सकों का मासिक वेतन 48, एमबीबीएस चिकित्सकों का मासिक वेतन 80 हजार और नर्सों का मासिक वेतन 30 हजार रुपए होगा। सरकार ने निजी कोविड जांच लैबों के लिए जांच दर तय की है। लैब सरकार द्वारा भेजे गए लोगों से 2000 रुपए और खुद पहुंचने वालों से 3000 रुपए ही ले सकेंगी। ज्यादा शुल्क लेने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

निजी अस्पताल 50 फीसदी बिस्तर सरकार को देंगे जबकि शेष 50 फीसदी बिस्तर का उपयोग वे कोविड या गौर-कोविड मरीजों के उपचार के लिए कर सकते हैं। आयुष्मान भारत आरोग्य कर्नाटक योजना के तहत निजी अस्पताल कोविड मरीजों का उपचार करेंगे। जिन मामलों में मरीज इस योजना के अंतर्गत नहीं आते, उन्हें तय शुल्क के हिसाब से भुगतान करना होगा। कोविड उपचार के लिए उपकरणों व दवाओं की खरीद आदि की निगरानी के लिए विशेष समिति गठित होगी।

चिकित्सकों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए करीब दो लाख 60 हजार एन-95 मास्क खरीदे जाएंगे। उच्च प्रवाह ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 17 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के 4,736 बिस्तरों को ऑक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा जाएगा। सरकारी अस्पतालों में उपकरणों की खरीद और मौजूदा सुविधाओं के उन्नयन के लिए 500 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैंं।