
Constipation problem
Constipation problem : आंत के स्वास्थ्य, पोषण और पाचन के बीच एक गहरा संबंध है। शरीर के मुख्य कार्यों में से एक इस क्षेत्र में किया जाता है और सही भोजन करने से उचित पाचन को बढ़ावा मिल सकता है। जब भी पोषण से समझौता किया जाता है तो व्यक्ति कब्ज का अनुभव कर सकता है। एक ऐसी स्थिति जिसमें एक व्यक्ति को एक सप्ताह में कम मल त्याग होता है।
constipation treatment : पाचन पोषक तत्वों के अवशोषण, आत्मसात, चयापचय और शरीर से विषाक्त पदार्थों के उन्मूलन में मदद करता है। जब उन्मूलन की प्रक्रिया कार्य नहीं करती है तो कब्ज हो सकता है।
पोषण विशेषज्ञ ने पांच खाद्य पदार्थ बताए हैं जो भोजन के उचित पाचन में मदद कर सकते हैं और कब्ज से राहत दिला सकते हैं।
काली किशमिश Black raisins
काली किशमिश में फाइबर होता है जो मल को नरम करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और कब्ज से राहत देता है।
अंजीर Figs
अंजीर में फिसिन और ब्रोमेलैन जैसे एंजाइम होते हैं, जो प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करते हैं।
सूखा आलूबुखारा Prunes
सूखा आलूबुखारा में फाइबर और सोर्बिटोल दोनों होते हैं। एक चीनी शराब जो मल को नरम करने और मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।
सौंफ की चाय Prunes
सौंफ के बीज (सौंफ) को पानी में उबालकर बनाई गई सौंफ की चाय में ऐसे तेल होते हैं जो आंतों की दीवार में मांसपेशियों को आराम देने और स्वस्थ मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
तुलसी का पानी Basil water
तुलसी या तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर बनाए गए बेल के पानी में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर होते हैं, जो नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
इसके अलावा आप कब्ज में मदद (constipation treatment) के लिए घी और दही जैसे खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर सकते हैं।
अपने पाचन में सुधार करने के लिए मोटे अनाज पर स्विच करें जो पेट के स्वास्थ्य में सुधार करता है। हमारा आंत एक महत्वपूर्ण अंग है जो आपके भोजन को चबाने से लेकर उसके बाहर निकलने तक शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्वस्थ माइक्रोबायोम बनाए रखने के लिए अपने आहार में प्रोबायोटिक्स शामिल करें। प्रोबायोटिक्स आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और पाचन में सुधार करते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
27 Oct 2023 04:52 pm
Published on:
15 Jun 2023 03:23 pm
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