
संभालिए बच्चों को...बढ़ रहा है टाइप 2 डायबिटीज का खतरा
बदलती जीवन शैली ने बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव छोड़ा है। न सिर्फ व्यस्क बल्कि बच्चे भी तेजी से डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण बाहर का खाना और फिजिकल एक्टिविटी की कमी कहीं जा सकती है। चिकित्सक के मुताबिक अब डायबिटीज आनुवांशिकी से ज्यादा बदलती आदतों और जीवनशैली को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। बच्चे अब ज्यादातर घर से बाहर का खाना खाने लगे हैं और यहां तक कि स्कूल में टिफिन लाने से भी बचते हैं।
माता—पिता बच्चों को टिफिन की बजाय पैसे देते हैं
व्यस्त माता-पिता भी टिफिन के बजाय पैसे देते हैं। इसके अलावा उन पर अच्छा प्रदर्शन करने का काफी दबाव है। इसका उद्देश्य कक्षा 4 या 5 से ही चिकित्सा या इंजीनियरिंग जैसे पेशे पर निर्णय लेना है। हमारे समय में यह सारा दबाव कक्षा 10 के बाद ही आता था।
डायबिटीज समाज के लिए खतरा
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को डायबिटीज होना न सिर्फ परिवारों, बल्कि समाज के लिए भी बहुत बड़ी समस्या रही है। इससे परिवारों में डायबिटीज का इतिहास बन रहा है और आगे आने वाली पीढ़ी भी प्रभावित हो रही है। यह रोग 17 वर्ष से 40 वर्ष के बीच व्यक्ति को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो यूपी में 18 प्रतिशत आबादी, चाहे वह किसी भी उम्र की हो, उसे मधुमेह का खतरा है। ईसीएमआर के अध्ययन के अनुसार वे प्री डायबिटीज श्रेणी में आते हैं। वे अभी भी मधुमेह को होने से रोक सकते हैं, लेकिन इसके लिए उनकी जीवनशैली और खान-पान में बदलाव की जरूरत है।
Updated on:
07 Dec 2023 12:44 pm
Published on:
20 Nov 2023 11:38 am
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