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Winter care: सर्दी में सेहत संग वजन भी नियंत्रित रखते ये 4 अनाज

locationजयपुरPublished: Dec 23, 2020 11:01:29 am

Submitted by:

Hemant Pandey

सर्दी के दिनों में वजन बढऩे की समस्या आम होती है। इस मौसम में पेट की अग्नि यानी पाचन तंत्र ठीक रहने से व्यक्ति न केवल डाइट अधिक लेते बल्कि ठंडक के कारण व्यायाम से भी बचते हैं। इनसे वजन बढऩे लगता है।

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Winter care: सर्दी में सेहत संग वजन भी नियंत्रित रखते ये 4 अनाज,Winter care: सर्दी में सेहत संग वजन भी नियंत्रित रखते ये 4 अनाज

जानते हैं उन चार अनाजों के बारे में जो सर्दी में ज्यादा पसंद किए जाते हैं। यह न केवल अधिक पौष्टिक होते हैं बल्कि वजन को भी नियंत्रित रखते हैं।
मांसपेशियों की कमजोरी व थकान दूर करता ज्वार
इसमें भरपूर नियासिन, राइबोफ्लैविन, थायामीन जैसे विटामिन्स के साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, तांबा, फास्फोरस और पोटैशियम होता है। प्रोटीन और फाइबर अधिक होने के साथ ग्लूटेन फ्री भी होता है, जिन्हें गेहूं से एलर्जी है वे भी खा सकते हैं। काब्र्स बहुत कम होने से वजन भी नहीं बढ़ता है। मैग्नीशियम और पोटैशियम अधिक होने से मांसपेशियों की दिक्कत, थकान और कड़ापन की समस्या में आराम मिलता है। शरीर में जलन होता है तो उसमें भी राहत देता है। ज्वार के दानों की राख बनाकर मंजन करने से दांत दर्द और मसूड़ों के सूजन और फाइबर से कब्ज और कैल्शियम अधिक होने से जोड़ों और हड्डियों के रोगों में आराम मिलता है।
कैसे खाएं : ज्वार की रोटी, चीला, गुड़ के साथ हलवा या लड्डू बना सकते हैं। राबड़ी पीने से डायबिटीज के रोगियों में थकान दूर होगी।
कौन न खाएं : जिन्हें पथरी की समस्या रहती है उन्हें ज्वार कम खाना चाहिए। सप्ताह में एक बार खाएं।
बड़ों ही नहीं बच्चों के लिए भी सुपर फूड है रागी
इसमें फाइबर, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन बी1, बी2 और कई अन्य पोषक तत्त्व होते हैं। बच्चों और स्तनपान कराने वाले महिलाओं के लिए ज्यादा फायेदमंद है। अन्य अनाजों की तुलना में कैल्शियम और प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है। काब्र्स कम होने से वजन नहीं बढ़ता है। हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों की समस्याओं में इसे खाना चाहिए। मानसिक समस्याओं जैसे तनाव, अवसाद और ब्लड प्रेशर में रागी काफी फायदेमंद होती है।
कैसे खाएं : इसे रोटी, हलवा, सूप और चीला के रूप में खा सकते हैं।
कौन न खाएं : जिन्हें पथरी और थायरॉइड की समस्या है वे कम खाएं। थायरॉइड रोगी में कैल्शियम वाली चीजें खाने से आयोडीन कम होता है। इससे थायरॉइड का स्तर बढ़ जाता है।
गुड़ के साथ उबला बाजरा खाने से खून बढ़ता
बाजरे में आयरन, कैल्शियम, जस्ता, मैग्नीशियम और पोटैशियम अधिक मात्रा में मिलता है। यह कॉम्पलेक्स काब्र्स होता है, इसे वे लोग भी खा सकते जिनका वजन ज्यादा है। फाइबर्स ज्यादा होने से कब्ज और पेट की बीमारियों से बचाव करता है। आंतों को साफ कर शरीर को ऊर्जा देता है। बाजरे को रात में भिगो दें और सुबह उबालकर गुड़ के साथ खाएं। इससे खून बढ़ता है। कैल्शियम हड्डियों-मांसपेशियों के लिए अच्छा, अनियमित माहवारी में महिलाएं बाजरे की रोटी, घी और गुड़ खाएं।
कैसे खाएं : रोटी, राबड़ी, हलवा, खिचड़ी या उबालकर गुड़ के साथ खा सकते हैं। अंकुरित भी खा सकते हैं।
कौन न खाएं : जिन्हें पाचन संबंधी परेशानी और गर्मी में खाने से बचें।
संक्रमण से बचाता और जल्द घाव भरता है मक्का
इसमें कैरोटीनॉयड्स, मैग्नीशियम, आयरन, फोलिक एसिड, बीटा-कैरोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, बायोफ्लेवोनॉइड्स, कई प्रकार के विटामिन्स और फाइबर होते हैं, जो शरीर के विकास के लिए जरूरी हैं। इसमें ग्लूटेन भी नहीं होता है। ज्यादा कैल्शियम होने से हड्डियों और हार्ट के रोगियों के लिए फायदेमंद है। यह शरीर को संक्रमण से बचाता, हीलिंग में भी मदद करता है। वजन नियंत्रित रखने के साथ डायबिटीज के रोगी भी इसे खा सकते हैं। यह नई कोशिकाओं की मरम्मत करने का काम करता है। गठिया रोग में आराम देता है। यह जोड़ों में यूरिक एसिड को जमा नहीं होने देता है।
कैसे खाएं : रोटी, हलवा, सूप, उबला हुआ मक्का, भुट्टा, सब्जी भी बनती है। इसमें मैग्नीशियम अधिक होता, इसके भुट्टे के डंठल की राख से मंजन करने से दांतों का पीलापन कम होता है।
कौन न खाएं : यह भारी होता है। जिनको गैस की समस्या है वे कम खाएं। इसेे दिन में ही खाना चाहिए।
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