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नियमित अभ्यास से फेफड़ों को मजबूती देते हैं ये आसन

locationजयपुरPublished: Mar 29, 2020 07:05:15 pm

Submitted by:

Hemant Pandey

कोरोना वायरस को सबसे अधिक दुष्प्रभाव फेफड़ों पर ही पड़ रहा है। योग में कई ऐसे आसन हैं जिनको नियमित करने से फेफड़ों के सेल्स सक्रिय होते हैं। इससे फेफड़े धीरे-धीरे मजबूत होने लगते हैं।

नियमित अभ्यास से फेफड़ों को मजबूती देते हैं ये आसन

नियमित अभ्यास से फेफड़ों को मजबूती देते हैं ये आसन

सूर्य नमस्कार की प्रथम क्रिया
इसमें सांस को भरते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और इसी मुद्रा में रोकते हुए 8-10 बार सांस ले और छोडें। फिर सांस भरते हुए सीधे हो जाएं। इसे 5-7 बार करें। उदर, पसलियां, फेफड़ों और कमर वाले हिस्सों को लाभ मिलता है। इम्युनिटी बढ़ती है।
सिंघासन
चित्रनुसार हो मुद्रा बनाएं। गहरी सांस भरते हुए जीभ बाहर निकालें। आंखों और मुंह को पूरा खोलें और शेर की दहाड़ की तरह गले से आवाज निकालें। फिर नाक से सांस लें। 8-10 बार करें। श्वसनन नलियों की शुद्धि व कार्यक्षमता बढ़ती है। थायरॉइड में लाभ मिलता, आवाज भी अच्छी होती है।
सूर्य नमस्कार की छठीं क्रिया
पेट के बल लेट जाएं फिर सांस को भरते हुए सिर को ऊपर उठाएं। इसी स्थिति में 9-10 सांस तक रुकने का प्रयास करें। फिर सांस भरते हुए सामान्य हो जाए। इससे फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती, कमर से लेकर गर्दन तक की मांसपेशियों को लाभ।
ताड़ासन
लंबी सांस भरें। सीने और पेट का फुलाते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। फिर पांव की एडिय़ों को भी ऊपर की ओर उठाएं। इसी मुद्रा में करीब 8-10 सांस तक रुके रहें। ऐसा 5-7 बार करें। इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है। श्वसन प्रकोष्ठक खुलते व इम्युनिटी बढ़ती है।
सूर्यभेदी प्राणायाम
चित्रानुसार बैठकर बाएं नाक को बंद करें फिर दाएं नाक से सांस लें। पेट और सीने को फुुलाएं। जितना हो सके सांस को रोकने की कोशिश करें। फिर उसी नाक से सांस को धीरे-धीरे छोड़े। इसे 10-15 बार करें। इम्युनिटी और पाचन अच्छा होता। बीपी के मरीज न करें।
डॉ. प्रदीप भाटी, अंतरराष्ट्रीय ओकिदो योग विशेषज्ञ, जयपुर
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