
Breast cancer prevention
Breast Cancer Prevention : अक्टूबर को पूरे विश्व में "स्तन कैंसर जागरूकता माह" के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को स्तन कैंसर के प्रति सचेत रहने की सलाह दी है। भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम प्रकार का कैंसर है, जो एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बन चुका है। इसकी मृत्यु दर भी काफी अधिक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, स्तन में गांठ होना स्तन कैंसर (Breast Cancer) का सबसे आम लक्षण है। इसके अलावा, अन्य लक्षणों में बांह के नीचे या कॉलरबोन के पास सूजन, निप्पल से स्राव, स्तन की त्वचा में परिवर्तन, या स्तन के आकार में बदलाव शामिल हो सकते हैं। एम्स के डॉ. अभिषेक शंकर के अनुसार, "स्तन या निप्पल की त्वचा पर लालिमा या दाने, और स्तन में दर्द भी खतरनाक संकेत हो सकते हैं।"
आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के हाल ही में किए गए शोध के अनुसार, 2045 तक भारत में स्तन कैंसर (Breast Cancer) के मामलों और इससे होने वाली मौतों में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है। 2022 में, स्तन कैंसर भारत में सभी महिला कैंसरों में 28.2 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक पाया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्तन कैंसर (Breast Cancer) का शुरुआती चरण में पता लगा लिया जाए, तो उपचार के परिणामों में सुधार किया जा सकता है। साथ ही, इससे महिलाओं के जीवित रहने की दर में भी वृद्धि हो सकती है। डॉक्टरों ने खासकर महिलाओं को नियमित रूप से सेल्फ एग्जामिनेशन करने और स्क्रीनिंग के लिए मैमोग्राफी जैसे टेस्ट करवाने की सलाह दी है।
मैमोग्राफी को स्तन कैंसर (Breast Cancer) की शुरुआती पहचान के लिए एक मानक और महत्वपूर्ण स्क्रीनिंग टेस्ट माना जाता है। इसे नियमित रूप से करवाने से मृत्यु दर में 30 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। यूनाइटेड स्टेट्स प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स के अनुसार, 40 वर्ष की उम्र के बाद हर 2 साल में मैमोग्राफी टेस्ट कराने की सिफारिश की गई है।
मणिपाल हॉस्पिटल की डॉ. दिव्या सेहरा का कहना है कि "स्तन कैंसर (Breast Cancer) के लक्षण कभी-कभी बिना किसी स्पष्ट कारण के भी हो सकते हैं। इसलिए, नियमित स्क्रीनिंग जरूरी है। मेटास्टेटिक कैंसर के मामले में वजन घटना, पीठ दर्द, और पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द जैसे सामान्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं।"
स्तन कैंसर (Breast Cancer Prevention ) से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है नियमित रूप से सेल्फ एग्जामिनेशन और स्क्रीनिंग टेस्ट कराना। इसके द्वारा कैंसर की जल्दी पहचान कर उपचार को सफल बनाया जा सकता है और मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। महिलाओं को विशेष रूप से इस ओर जागरूक रहना चाहिए और नियमित स्वास्थ्य जांच को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।
Published on:
16 Oct 2024 11:01 am
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