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खाने के लिए इस तेल का इस्तेमाल हो सकता है खतरनाक, बन सकता है कैंसर की वजह

Use of olive oil for food can cause cancer olive oil side effects : भारतीय खाने की ख़ास बात यह है कि यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त होता है। इसमें स्थानीय मसालों और तेलों का विशेष महत्व होता है जो भारतीय खाने के व्यंजनों को उनकी खासियत देते हैं।

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Use of olive oil for food can cause cancer olive oil side effects

Use of olive oil for food can cause cancer olive oil side effects

Use of olive oil for food can cause cancer olive oil side effects : भारतीय खाने की ख़ास बात यह है कि यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त होता है। इसमें स्थानीय मसालों और तेलों का विशेष महत्व होता है जो भारतीय खाने के व्यंजनों को उनकी खासियत देते हैं। इसी कड़ियाँ में, ऑलिव आयल का उपयोग करने के कुछ प्रतिकूल प्रभावों की बात की जाएगी जो कि इसके भारतीय खाने में उपयोग से हो सकते हैं। लेख में, हम जानेंगे कि क्या जैतून का तेल कैंसर के विकास में किसी प्रकार का हानिकारक कारक बन सकता है या यह सिर्फ एक विभिन्न पहलू है।

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Adverse health effects of olive oil: ऑलिव आयल के स्वास्थ्य से जुड़े प्रतिकूल प्रभाव:

विशिष्ट गंध: भारतीय व्यंजनों में तेलों का महत्वपूर्ण स्थान होता है, जो उन्हें अपने विशिष्ट स्वाद और गंध में रूचिकर बनाते हैं। ऑलिव आयल की मिलनसार गंध यहाँ के खानों के साथ मेल नहीं खाती है, जिससे खाने का आनंद कम हो सकता है।

तेल की गुणवत्ता: भारतीय खानों में उपयोग होने वाले तेलों में अनुशासित मात्रा में अनुमित गुणवत्ता होती है, जो कि ऑलिव आयल में नहीं पाई जा सकती। ऑलिव आयल में प्रतिकूल लोहे की मात्रा और अनुशासित गुणवत्ता नहीं होती है जिसके कारण यह खाने की गुणवत्ता पर असर डाल सकता है।

ऑलिव ऑयल का स्मोक पॉइंट : सरसों का तेल, नारियल तेल या घी के मुकाबले ऑलिव ऑयल का स्मोक पॉइंट काफी लो है। जिस वजह से यह दूसरे तेलों के मुकाबले जल्दी गर्म हो जाता है और धुआं उठने लगता है।

प्रसंस्कृत पकवानों का असर: भारतीय पकवानों में अक्सर तेल को उचित तरीके से प्रसंस्कृत किया जाता है जो कि खाने के स्वाद को बढ़ाता है। ऑलिव आयल इस प्रसंस्करण प्रक्रिया के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है जिससे खाने का स्वाद प्रभावित हो सकता है।

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Other adverse effects of olive oil: ऑलिव आयल के अन्य प्रतिकूल प्रभाव:

दाल में छौंक लगाना, भटूरे तलना, पकौड़े बनाना, पूरियां बनाना, समोसा, फ्रेंच फ्राइस, चिकन फ्राई आदि फूड्स के लिए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है।

तापमान पर प्रभाव: ऑलिव आयल का तापमान पर ज्यादा प्रभाव होता है, जिसके कारण यह खाने की प्रक्रिया में असुविधा पैदा कर सकता है।

आपूर्ति की समस्या: भारत में ऑलिव आयल की सामान्य आपूर्ति में कई बार समस्याएँ होती हैं, जिसके कारण यह अधिक मात्रा में प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

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Can olive oil cause cancer? क्या जैतून का तेल कैंसर का कारक हो सकता है?

विज्ञान के अनुसार, अब तक कोई स्पष्ट और निश्चित रूप से सिद्धांत नहीं है जो यह साबित कर सके कि जैतून के तेल का सीधा संबंध कैंसर के विकास से होता है। यह सत्य है कि कुछ अध्ययनों ने जैतून के तेल में मौजूद कुछ तत्वों के अधिक मात्रा में सेल ग्रोथ को प्रोत्साहित कर सकते हैं, लेकिन यह भी यदि आप इसे मात्रा में उचित रूप से सेवन करें तो आपकी सेहत के लिए उपयोगी हो सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के एक शोध के मुताबिक, तेल को बहुत बार हीट करने या स्मोक पॉइंट से ज्यादा गर्म करने पर उसका फैट टूटने लगता है। जिस दौरान कैंसर बनाने वाले हानिकारक तत्वों का उत्पादन भी होता है।


ऑलिव आयल के अनुपयोगी गंध, तेल की गुणवत्ता में कमी, प्रसंस्कृत पकवानों पर असर, तापमान पर प्रभाव, और आपूर्ति की समस्या के कारण इसे भारतीय व्यंजनों में उपयोग करना उचित नहीं हो सकता है। इसके स्थान पर, हमें स्थानीय तेलों का उपयोग करके व्यंजनों का स्वाद और स्वास्थ्य दोनों का ख्याल रखना चाहिए।

हालांकि, सामान्य पकवानों में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, हेल्दी फैट्स, एंटी इंफ्लामेटरी गुण और दिल की बीमारी व डायबिटीज से लड़ने की खासियत होती है।

नोट: इस लेख का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है और इसमें दिए गए तथ्यों का उद्धारणिक रूप है। कृपया स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह पर्याप्त रूप से प्राप्त करें और अपनी आवश्यकताओं के आधार पर फैसला करें।