
Vaping Is it really less harmful than smoking?
Vaping vs smoking : वर्तमान में वेपिंग(Vaping) को एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लेकिन हाल की रिसर्च ने इसे लेकर नई चिंताएं उठाई हैं। यह न केवल लंग्स बल्कि पुरुषों के शुक्राणु गणना और दिल की सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
विपरीत धारणा के बावजूद, कई शोध बताते हैं कि वेपिंग (Vaping) के तुरंत बाद शरीर की रक्त वाहिकाओं में नकारात्मक असर देखा जा सकता है, भले ही उसमें निकोटीन न हो। एक ताजे अध्ययन ने यह दिखाया कि वेपिंग (Vaping) से शरीर के रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन स्तर में महत्वपूर्ण गिरावट आती है। यह असर शरीर के वास्कुलर सिस्टम पर तात्कालिक रूप से पड़ता है, और दीर्घकालिक उपयोग से वास्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
भारत में तंबाकू के सेवन की दर काफी अधिक है और वेपिंग (Vaping) का चलन भी बढ़ रहा है, भले ही देश में 2019 में ई-सिगरेट्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो। हालांकि, यह प्रथा अब भी अवैध चैनलों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से जारी है। एक अध्ययन के अनुसार, युवा वर्ग में वेपिंग को सुरक्षित समझा जाता है, और यही कारण है कि वे इसे अपनाते हैं।
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वर्तमान शोध से यह स्पष्ट होता है कि वेपिंग (Vaping) केवल फेफड़ों और रक्तवाहिकाओं के लिए ही नहीं, बल्कि प्रजनन स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। विशेषज्ञों का मानना है कि वेपिंग से पुरुषों में शुक्राणु गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है, जिससे प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है। महिलाओं में, वेपिंग से हार्मोनल असंतुलन और गर्भवती होने में कठिनाई हो सकती है।
हालांकि भारत में वेपिंग (Vaping) पर प्रतिबंध है, लेकिन जनता में इस खतरे को लेकर जागरूकता की कमी है। विशेष रूप से युवा वर्ग में, जहां उन्हें लगता है कि वेपिंग सुरक्षित है, यह एक बड़ा खतरा बन चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस पर कड़ी नज़र रखी जाए और इसके खतरों के बारे में शिक्षा दी जाए तो इस पर काबू पाया जा सकता है।
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वेपिंग (Vaping) को लेकर यह धारणा कि यह स्मोकिंग (Smoking) से कम हानिकारक है, अब गलत साबित हो रही है। शोधों से यह साफ होता है कि यह शरीर पर नकारात्मक असर डालता है, और इसके लंबे समय तक उपयोग से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, इसके खतरों से अवगत होकर हमें इस पर नियंत्रण और सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है।
Published on:
29 Nov 2024 12:18 pm
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