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इन 2 विटामिन की कमी से हो सकती है ये दिमागी बीमारी, जनिए क्या खाने से मिल सकते हैं ये Vitamins

Parkinson's causes Vitamins: पार्किंसंस दिमाग की एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी से पूरे विश्व में 1 करोड़ लोग प्रभावित है। इसके लक्षण से कब्ज और नींद की समस्या से शुरू होते हैं। आइए जानते है की विटामिन B2 और विटामिन B7 की कमी से पार्किंसंस रोग कैसे जुड़ा है, और इन जरूरी विटामिन्स के स्त्रोत क्या है।

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Parkinson's causes Vitamins

Parkinson's causes Vitamins (photo- gemini ai)

Parkinson's causes Vitamins: पार्किंसंस बीमारी में व्यक्ति का अपने शरीर पर नियंत्रण कम होने लगता है, उसके हाथ-पैर कांपने लगते हैं और उसको चलने फिरने में भी परेशानी होने लगती है। लंबे समय से वैज्ञानिक इस बीमारी के कारण का पता लगाने की कोशिश कर रहें हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में ये बात सामने आयी है की पार्किंसंस रोग का एक बड़ा कारण विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन) और विटामिन B7 (बायोटिन) की कमी है। जापान में पार्किंसंस के 94 मरीजों और स्वस्थ लोगों के मल के नमूनों का विश्लेषण किया गया, जिसकी तुलना अन्य देशों के डेटा से भी की गई।

पार्किंसंस रोग का आंत से संबंध (How Vitamin B2 & B7 Relates Parkinson's) -

वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन के रिजल्ट में ये देखा की पार्किंसंस रोग का आंत से संबंध है। हमारी आंत में छोटे-छोटे जीवाणु (Bacteria) होते हैं, जिन्हें माइक्रोबायोम कहा जाता है। ये जीवाणु हमारे पाचन और स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं। इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने पार्किंसंस के मरीजों के मल के नमूनों की जांच की और पाया की उनकी आंत में उन जीवाणुओं का अभाव था जो विटामिन B2 और B7 से बनते हैं। अन्य देशों में भी जब इसी तरह के नतीजे मिले तो उससे ये पता चला की ये समस्या वैश्विक है। इस अध्ययन में ये भी देखा गया की जब शरीर में विटामिन B2 और B7 की कमी होती है, तो आंत में शॉर्ट चेन,फैटी एसिड और पॉलीमाइन जैसे जीवाणु भी कम हो जाते हैं। इन अणुओं से ही आंतों के चारों ओर श्लेष्मा की परत बनती हैं। इनकी कमी से यह परत पतली और कमजोर हो जाती है।

वैज्ञानिकों ने देखा कि पार्किंसंस के मरीजों की आंतों में गट माइक्रोबायोम (Gut Microbiome) की संख्या में भी कमी है। और ये बीमारी के अन्य लक्षण दिखने से काफी पहले (20 साल तक पहले) शुरू हो जाते हैं।

आंतो से दिमाग तक कैसे पंहुचता है पार्किंसंस (Gut-Brain Axis) -

जब आंत की श्लेष्मा की परत कमजोर होती है तो अल्फा सिन्यूक्लिन फाइब्रिल्स जिन्हें गंदा प्रोटीन भी कहते है। इनका उत्पादन ज्यादा तेजी से होने लगता है। ये प्रोटीन आंत से सीधे दिमाग के 'सब्सटैंशिया नाइग्रा' हिस्से तक पहुंच जाते हैं। यह हिस्सा ही हमारे शरीर को चलने-फिरने में मदद करने वाला रसायन बनाता है। जिसे डोपामाइन कहा जाता है। ये प्रोटीन उस हिस्से में सूजन (Inflammation) पैदा करते हैं। जिससे डोपामाइन बनाने वाली कोशिकाएं खत्म होने लगती है। इस तरह, डोपामाइन की कमी होने लगती है, और इसी कमी के कारण व्यक्ति में पार्किंसंस रोग के लक्षण, जैसे कि हाथ-पैरों का कांपना, चलने-फिरने में दिक्कत और भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) दिखाई देने लगते हैं।

विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन) के स्त्रोत (sources of vitamin B2) -

डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर, मांस और मछली,चिकन, मछली, अंडा ,हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकोली और शतावरी ,अनाज और ब्रेड विटामिन बी2 के बेहतरीन स्रोत है।

विटामिन B7 (बायोटिन) के स्त्रोत (Sources of vitamin B7) -

अंडे की जर्दी या अंडे का पीला भाग ,मेवे और बीज जैसे अखरोट, मूंगफली और सूरजमुखी के बीज, फलियां ,सभी प्रकार की दालें, सोयाबीन और मटर , सब्जियों में शकरकंद और मशरूम, फलों में केला विटामिन B7 स्रोत है।