19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सेहत : क्या है पेट में गैस की समस्या का मानसिक कनेक्शन ?

सोमेटोफॉर्म डिसऑर्डर एक प्रकार का मानसिक रोग है, जिसमें शारीरिक बीमारियों की अनुपस्थिति में भी शारीरिक लक्षण बने रहते हैं, जो कि व्यक्ति की जीवन शैली को बुरी तरीके से प्रभावित करते हैं।

2 min read
Google source verification
सेहत : क्या है पेट में गैस की समस्या का मानसिक कनेक्शन ?

सेहत : क्या है पेट में गैस की समस्या का मानसिक कनेक्शन ?

डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, (मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट, 'यस टु लाइफ' कैंपेन चला रहे हैं)

जतिन पिछले 15 वर्ष से अपने पेट की समस्याओं से परेशान है। पेट दर्द के साथ ही साथ उसे कभी कब्ज, तो कभी डायरिया हो जाता है। उसे ऐसा लगता है, जैसे पेट में गैस का निर्माण बहुत ज्यादा हो रहा है, बार-बार डकारें आती रहती हैं। यह भी महसूस होता है कि गैस उसके सिर और पीठ में भी चली जाती है। घबराहट, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन के साथ अपने काम से बेरुखी सी रहती है। स्कूल टाइम से शुरू हुई समस्या ने उसके जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। उसके पिता बताते हैं कि उन्होंने कर्ज लेकर देश के कई पेट के डॉक्टरों को दिखाया। हर बार अपने ही साथी चिकित्सकों द्वारा की गई जांचों पर विश्वास न करते हुए हर डॉक्टर ने उसकी एक जैसी जांचें की, लेकिन कुछ मतलब नहीं निकला। सभी बताते हैं कि आइबीएस (इरिटेबल बावेल सिंड्रोम ) है। वे कुछ दवाइयां भी देते हैं, किन्तु उससे आराम नहीं मिलता। जतिन की समस्या से पड़े आर्थिक दबाव ने उनके घर के कई निर्णयों को भी प्रभावित किया। यू-ट्यूब पर किसी वीडियो ने उन्हें इस समस्या के लिए मनोचिकित्सक के पास जाने के लिए प्रेरित किया। कुछ महीनों के ट्रीटमेंट के पश्चात अब वह काफी बेहतर है। जतिन को इस बात का आश्चर्य है कि उन्हें साइकेट्रिस्ट के पास जाने की सलाह दूसरे डॉक्टरों से क्यों नहीं मिली?

सोमेटोफॉर्म डिसऑर्डर एक प्रकार का मानसिक रोग है, जिसमें शारीरिक बीमारियों की अनुपस्थिति में भी शारीरिक लक्षण बने रहते हैं, जो कि व्यक्ति की जीवन शैली को बुरी तरीके से प्रभावित करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीज ने आइबीएस का उल्लेख सोमेटोफॉर्म डिसऑर्डर के अंतर्गत किया है। मस्तिष्क-आंतों के बीच तंत्रिकातंत्र में असंतुलन, हाइपोथैलेमस -पिट्यूटरी अक्ष के समन्वय पर प्रभाव, संक्रमण, आंतों के असंतुलित संचालन, आंतरिक अंगों की अतिसंवेदनशीलता, पारिवारिक समस्याओं, मानसिक रोगों की उपस्थिति आदि को प्रमुख कारणों के रूप में देखा गया है। घबराहट, तनाव और अनिद्रा से आंतों की गति एवं आंतरिक अंगों की संवेदनशीलता प्रभावित होती है। एक शोध के अनुसार आइबीएस के लगभग 60 से 95 प्रतिशत मामलों में कोई अन्य मानसिक रोग भी देखा गया है। कई लोगों में स्वयं को नुकसान पहुंचाने के विचार भी देखे जाते हैं। प्रत्यक्ष रूप से जांचों, परामर्श और अप्रत्यक्ष रूप से कम उत्पादकता से पूरा परिवार बुरी तरीके से प्रभावित होता है। इसके कारण कई बार इस समस्या से पीडि़त अधिकतर लोग गैर-मनोचिकित्सकों के पास परामर्श के लिए जाते रहते हैं। इस बारे में पेशेवर सलाह न मिलने के कारण वे कई बार आजीवन मनोचिकित्सक से परामर्श मिलने से वंचित रह जाते हैं।