
व्हाइट फंगस (कैंडिडिऑसिस) एक प्रकार का सामान्य संक्रमण है। यह भी फंगस से होता है। जिसे कैंडिडा कहते हैं। यह संक्रमण इम्युनिटी कमजोर होने पर हो जाता है लेकिन इससे गंभीर नुकसान नहीं होता है। इसका संक्रमण कई बार कुछ दिनों में खुद से भी ठीक हो जाता है। इसलिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। सीनियर फिजिशियन डॉ. आरएस खेदड़ का कहना है कि इसको ब्लैक फंगस की तरह देखना ठीक नहीं है। ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) अधिक आक्रामक होता है। इससे साइनस, आंखों, मस्तिष्क को बहुत नुकसान हो सकता है। इससे बचाव के लिए बड़े स्तर पर सर्जरी की जरूरत होती है। कई बार यह जानलेवा भी हो जाता है जबकि व्हाइट फंगस का इलाज आसानी से होता है। इससे जीवन का खतरा नहीं है। कमजोर इम्युनिटी वाले, डायबिटीज से पीडि़त और कोरोना रिकवरी के बाद लंबे समय तक स्टेरॉइड लेने वाले मरीजों में व्हाइट फंगस की आशंका रहती है। लेकिन चिंता की बात नहीं है। डॉ. खेदड़ ने बताया कि व्हाइट फंगस से जीभ का सफेद होना, मुंह में छाले निकलना और गले में दर्द की समस्या हो सकती है। यह फंगस होंठ, नाक, मुंह तक ही संक्रमण कर सकता है। इसकी पहचान के लिए एक छोटा कल्चर टेस्ट करना पड़ता है। इससे डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।
Fact check: वैक्सीन से जुड़े फीडबैक कॉल पर प्रतिक्रिया न दें
कोरोना वैक्सीन के नाम पर भी ऑनलाइन धोखाधड़ी शुरू हो गईहै। कई नंबर से अब लोगों को कॉल आ रहे हैं और वैक्सीन से जुड़ी जानकारियां मांगकर मोबाइल को हैक या ब्लॉक कर दे रहे हैं। इसके बाद से उनका डेटा गायब हो जा रहा है। भारत सरकार की संस्था पीआइबी की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पीआइबी का कहना है कि भारत सरकार की ओर से वैक्सीन को लेकर कोई भी फीडबैक नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में सभी लोग सावधानी बरतें। अगर इससे जुड़ा कोई कॉल आता है तो उठाने से बचें या फिर तत्काल फोन को डिक्नेक्ट कर दें। अधिकतर नंबरों की शुरुआत में 9122500 है।
Published on:
24 May 2021 09:51 pm
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