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ब्लड प्रेशर में राहत देते हैं ये खास 5 योगासन

locationजयपुरPublished: Dec 23, 2019 05:07:03 pm

Submitted by:

Hemant Pandey

इस मौसम ठंडक बढऩे से खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसलिए सबसे पहले ठंडक से बचें और नियमित वॉक करते रहें।

ब्लड प्रेशर में राहत देते हैं ये खास 5 योगासन

ब्लड प्रेशर में राहत देते हैं ये खास 5 योगासन

इस मौसम ठंडक बढऩे से खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसलिए सबसे पहले ठंडक से बचें और नियमित वॉक करते रहें। साथ ही कुछ हल्के आसन होते हैं जिन्हें करने से न केवल रक्त वाहिकाओं की सिकुडऩ दूर होती है बल्कि मन भी शांत रहता है। रक्त संचार सही रहने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
1- पवनमुक्तासन
गैस्ट्रिक के रोगी जिनको वायु विकार की समस्या है उन्हें इससे राहत मिलती है। इस आसन को करने से आंतों में बनने वाले गैस को सोखने की क्षमता को बढ़ती है। साथ ही ब्लड प्रेशर लेवल भी ठीक होता है। पवनमुक्तासन से दिमाग पर भी सकारात्मक असर होता है। हैप्पी न्यूरो कैमिकल्स बनते हैं अंदर से रिलेक्स फील होता है।
2- भुजंगासन
इससे शरीर लचीला होता है और कमर दर्द व पेट की बढ़ी हुई चर्बी से निजात मिलती है। साथ ही यह आसन तनाव और उच्च रक्तचाप से आराम दिलाता है। इसको कोबरा पोज भी कहते हैं। भुजंगासन का अभ्यास करने से शरीर के भीतर ऐसे हार्मोन रिलीज होते हैं जो थकान, तनाव व चिंता आदि को दूर करते हैं। इसको नियमित करने से डायबिटीज और अस्थमा में भी लाभ मिलता है।
3- मर्कटासन
इसे अंग्रेजी में मंकी पोज भी कहते हैं। यह लेटकर किए जाने वाले आसानों में आता है। इससे सर्वाइकल, पेट दर्द, गैस्ट्रिक, कमर दर्द , अपचयन, कूल्हे का दर्द, अनिद्रा, थकान और तनाव में आराम मिलता है। यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है। शरीर के मुख्य अंग जैसे गुर्दे, अग्नाश्य और लिवर को भी सक्रिय करता है। एकाग्रता बढ़ती है। डायबिटीज में भी फायदेमंद।
4- प्राणायाम
यह सांस की गति और ब्लड फ्लो को सामान्य करता है। दिल का सांस और रक्त संचार से गहरा संबंध होता है। उच्च रक्तचाप के रोगी को उज्जई और भ्रामरी प्राणायाम (इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है) करना चाहिए। अनुलोम-विलोम प्राणायाम चिंता और हार्टबीट को कम करता है। यह आसन ऐसा है जिसको करने के लिए घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं होती, घर में कर सकते हैं।
5- शवासन
इसे सबसे सरल और कठिन, दोनों आसन कहते हैं। सरल इसलिए कि इसमें कुछ नहीं करना होता, सिर्फ लेटना होता है। कठिन इसलिए कि इंद्रियों को नियंत्रित करना होता है ताकि मन भटके नहीं। इसमें सांसों पर ध्यान लगाना होता है। सांस लेते और छोड़ते समय महसूस करें कि सांस के साथ सकारात्मकता अंदर जा रही और नकारात्मकता बाहर निकल रही है। ऐसा कम से कम 7-8 मिनट करें। इससे शरीर को आराम मिलता है। मन आनंदित होता है। ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए लाभकारी आसन है।
इन बातों का ध्यान रखें
कोई भी आसन खाने के तीन घंटे और नाश्ते के एक घंटे बाद ही करें। निरोग रहने के लिए सुबह के समय कम से कम 25-30 मिनट योग-ध्यान करना चाहिए। आसन करने से पहले सूक्ष्म आसन जरूर करें। अगर कोई समस्या है तो योग करने से बचें। जिन्हें ये आसन नहीं आते हैं वे किसी विशेषज्ञ से सीख लें।
डॉ. नागेंद्र कुमार नीरज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी व निदेशक, योगग्राम (पतंजलि) हरिद्वार। अब तक नेचुरोपैथी और योग पर 25 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं।
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