What is lipolysis : नई रिसर्च बताती है कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा अच्छे से चर्बी जलाती हैं। शायद यही वजह है कि ज्यादा चर्बी होने पर भी उन्हें डायबिटीज जैसी बीमारियां कम होती हैं।
What is lipolysis : हाल ही में एक रिसर्च हुई है जिसमें पता चला है कि महिलाओं का शरीर चर्बी (वसा) को पिघलाकर उसे ताक़त (ऊर्जा) बनाने का काम पुरुषों से ज्यादा अच्छे से करती है। इस रिसर्च से ये समझने में मदद मिलती है कि क्यों महिलाओं के शरीर में अक्सर पुरुषों से ज्यादा चर्बी होने के बावजूद भी उन्हें शुगर की बीमारी (जैसे टाइप 2 डायबिटीज़) या शरीर के अंदर खाने-पीने को इस्तेमाल करने से जुड़ी दूसरी दिक्कतें होने का खतरा कम होता है।
महिलाओं का शरीर चर्बी जलाने में ज्यादा माहिर होता है, और शायद यही बात उन्हें कुछ बीमारियों से बचाने में मदद करती है।
'lipolysis' दरअसल हमारे शरीर का एक तरीका है जिससे वह जमा हुई चर्बी को पिघलाकर उसे इस्तेमाल करने लायक बनाता है। हमारे शरीर की चर्बी की कोशिकाओं में चर्बी भरी होती है। लिपोलिसिस के ज़रिए यह भरी हुई चर्बी छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती है। फिर शरीर इन छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल ऊर्जा (ताक़त) पैदा करने के लिए करता है, खासकर तब जब हम कसरत कर रहे होते हैं या जब हमने काफी देर से कुछ खाया नहीं होता (जैसे दो खानों के बीच का समय)। यानी, यह वो प्रक्रिया है जिससे शरीर जरूरत पड़ने पर अपनी जमा की हुई चर्बी का इस्तेमाल ईंधन की तरह करता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं की वसा कोशिकाएं, लिपोलिसिस को सक्रिय करने वाले हार्मोन कैटेकोलामाइन के प्रति कम संवेदनशील होती हैं। यानी उन्हें प्रतिक्रिया देने के लिए हार्मोन की अधिक मात्रा की जरूरत होती है। लेकिन एक बार जब यह प्रक्रिया चालू हो जाती है, तो महिलाओं की कोशिकाएं पुरुषों की तुलना में वसा को अधिक तेजी से तोड़ती हैं।
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यह अध्ययन स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर पीटर अर्नर और डॉ. डैनियल एंडर्सन के नेतृत्व में किया गया। उन्होंने पुरुषों और महिलाओं दोनों के पेट के नीचे की वसा कोशिकाओं का विश्लेषण किया और अलग-अलग कैटेकोलामाइन की सांद्रता पर इनकी प्रतिक्रिया मापी।
यह भी पाया गया कि जब शरीर में तनाव या व्यायाम के दौरान कैटेकोलामाइन का स्तर बढ़ता है, तब महिलाओं में लिपोलिसिस ज्यादा मजबूत तरीके से सक्रिय होती है। इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि महिलाएं ऐसी स्थितियों में बेहतर ऊर्जा उपयोग करती हैं।
इस अध्ययन से मिले नतीजे मोटापे और टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित पुरुषों के लिए नई दवाओं के विकास का रास्ता खोल सकते हैं। वैज्ञानिक अब इस प्रक्रिया को गहराई से समझकर ऐसी उपचार विधियों की खोज में लगे हैं जो पुरुषों में लिपोलिसिस को महिला स्तर तक प्रभावी बना सकें।
यह शोध दर्शाता है कि महिलाओं और पुरुषों के बीच जैविक अंतर सिर्फ हार्मोन या वसा वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ऊर्जा उपयोग और चयापचय में भी बड़ा रोल निभाता है। इस समझ से वैयक्तिकृत चिकित्सा (personalized medicine) की दिशा में भी अहम योगदान मिल सकता है।
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