
Arthritis in 30s and 40s|फोटो सोर्स – Freepik
World Arthritis Day 2025: आर्थराइटिस को लंबे समय तक एक उम्रदराज लोगों की बीमारी माना जाता रहा है, लेकिन अब आधुनिक जीवनशैली के दौर में यह बीमारी 30-40 वर्ष की उम्र के युवाओं में भी नजर आ रही है। आज, 12 अक्टूबर को World Arthritis Day 2025 मनाया जा रहा है। ऐसे में आर्थराइटिस को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 2025 की थीम है 'Achieve Your Dreams',। आइए समझते हैं कि कैसे यह बीमारी युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है और समय रहते क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
महिलाओं में प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव जोड़ों की सेहत को प्रभावित करते हैं। साथ ही, आजकल की तनावपूर्ण जीवनशैली, नींद की कमी और खराब खान-पान (जैसे जंक फूड या बहुत ज्यादा शक्कर) शरीर में सूजन को बढ़ाते हैं, जिससे जोड़ों में अकड़न और दर्द हो सकता है।
आजकल ज्यादातर लोग कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने घंटों बैठे रहते हैं। इससे शरीर की मांसपेशियां कमज़ोर पड़ती हैं और लचीलापन भी घटता है। लगातार एक ही पोजीशन में बैठने से घुटनों और रीढ़ की हड्डी पर असमान दबाव पड़ता है। समय के साथ ये आदत जोड़ों को नुकसान पहुंचाती है और समय से पहले ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बन सकती है।
खेलना-कूदना सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन अगर सही तरीके से न किया जाए तो नुकसान भी हो सकता है। बार-बार एक ही जोड़ों पर दबाव डालना, जैसे दौड़ लगाना, जिम में भारी वजन उठाना या कोई खेल में चोट लगना, cartilage को नुकसान पहुंचा सकता है। यही चोटें बाद में आर्थराइटिस की वजह बन जाती हैं।
थोड़ा सा भी ज्यादा वजन हमारे जोड़ों पर खासकर घुटनों और कूल्हों पर दबाव बढ़ा देता है। हर किलो अतिरिक्त वजन आपके जोड़ों के लिए भारी पड़ सकता है। युवाओं में मोटापा तेजी से बढ़ा है, और यही वजह है कि 45 से कम उम्र में आर्थराइटिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
Updated on:
12 Oct 2025 09:27 am
Published on:
12 Oct 2025 09:26 am
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