
World Brain Day 2025 : दिमाग को हमेशा जवान बनाए रख सकती है ये 12 आदतें, बस अपनाइए ये टिप्स (फोटो सोर्स : Freepik)
World Brain Day 2025 : आज विश्व मस्तिष्क दिवस है और यह हमें याद दिलाता है कि जिस तरह हम अपने दिल का ख्याल रखते हैं ठीक वैसे ही अपने दिमाग का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। हमारा दिमाग ही तो है जो हमें सोचने-समझने, याद रखने और दुनिया को देखने की शक्ति देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ दिमाग की कार्यक्षमता भी कम होने लगती है? अच्छी खबर यह है कि हार्वर्ड के विशेषज्ञों ने कुछ ऐसी कमाल की आदतें बताई हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने दिमाग को जवान और तेज बनाए रख सकते हैं।
ये कोई जादू की गोलियां नहीं हैं बल्कि बेहद आसान और व्यावहारिक तरीके हैं जिन्हें आप आज से ही अपनी जिंदगी में शामिल कर सकते हैं। ये आदतें सालों की रिसर्च और अनुभव का निचोड़ हैं।
जैसे शरीर को कसरत की जरूरत होती ह, वैसे ही दिमाग को भी रोज नए चैलेंज चाहिए। किताबें पढ़ना, क्रॉसवर्ड हल करना, कोई नई भाषा सीखना, या लकड़ी का काम करना… कुछ भी जो आपको सोचने पर मजबूर करे वो दिमाग में नए कनेक्शन बनाता है। इसे न्यूरल प्लास्टिसिटी कहते हैं इस्तेमाल करो, वरना खो दोगे।
रोज़ाना 30 मिनट की तेज चाल आपके दिमाग तक भरपूर ऑक्सीजन पहुंचाती है और नई कोशिकाओं को बनने में मदद करती है। कसरत से ब्लड प्रेशर और तनाव भी कम होता है जो दिमाग के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं।
अपनी थाली को हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, बेरीज, नट्स, जैतून का तेल, मछली और फलियों से भर लें। यह खाने का तरीका सूजन कम करता है और दिमाग को ओमेगा-3, फोलेट और एंटीऑक्सिडेंट देता है जिनकी उसे सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है।
बढ़ती उम्र में हाई ब्लड प्रेशर बुढ़ापे में डिमेंशिया के खतरे को दोगुना कर देता है। दुबले-पतले रहें, नमक और शराब कम लें, तनाव मैनेज करें और जरूरत पड़े तो डॉक्टर की सलाह से दवा भी लें।
अनियंत्रित शुगर लेवल उन छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है जो हमारी याददाश्त को नियंत्रित करती हैं। संतुलित भोजन, रोजाना कसरत और वजन कंट्रोल से शुगर को काबू में रखें।
हाई एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल दिमाग में रक्त प्रवाह को धीमा करता है और प्लाक बनाने की प्रक्रिया को तेज करता है। वही तीन बातें कसरत, सही खाना और तंबाकू से दूरी - आपके अनुपात को बेहतर बनाती हैं। जरूरत पड़ने पर दवा भी काम आती है।
कुछ रिसर्च बताती हैं कि रोजाना कम डोज वाली एस्पिरिन वैस्कुलर डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकती है। लेकिन यह हर किसी के लिए नहीं है इसलिए डॉक्टर से बात किए बिना इसे न लें।
किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ाता है। दिल और दिमाग दोनों के लिए तंबाकू छोड़ना सबसे बड़ा और ताकतवर कदम है।
रोजाना दो से ज्यादा ड्रिंक दिमाग के कुछ हिस्सों को सिकोड़ सकती है। अगर आप पीते हैं, तो मात्रा कम रखें और शराब-मुक्त दिन जरूर रखें।
चिंता, डिप्रेशन, थकावट और पुरानी नींद की कमी एकाग्रता और याददाश्त को कमजोर करती है। थेरेपी, माइंडफुलनेस और हर रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद आपके दिमाग को फिर से तरोताजा कर देती है।
यहां तक कि छोटी-मोटी चोटें - साइकिल से गिरना, खेलकूद के दौरान लगी चोटें, या घर में गिरना - भी लंबे समय में संज्ञानात्मक गिरावट (cognitive decline) के खतरे को बढ़ाती हैं। हेलमेट, सुरक्षित घर और सीट बेल्ट किसी भी सप्लीमेंट से बेहतर हैं।
मजबूत दोस्ती और सामुदायिक संबंध तनाव हार्मोन को कम करते हैं और दिमाग की बैटरी को चार्ज रखते हैं। हर हफ्ते दोस्तों से मिलना-जुलना, स्वयंसेवा करना, या ग्रुप हॉबीज में शामिल होना, सब इसमें शामिल है।
पानी खूब पिएं: शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी हाइड्रेटेड रहने की जरूरत होती है। पानी की कमी से एकाग्रता और याददाश्त पर असर पड़ता है।
हंसना है जरूरी: रिसर्च बताती है कि हंसने से तनाव कम होता है और दिमाग में एंडोर्फिन जैसे हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जो मूड और सोचने की क्षमता को बेहतर बनाते हैं।
नई चीजें सीखें: सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं, कोई नया हुनर सीखना, जैसे खाना बनाना, कोई वाद्ययंत्र बजाना या पेंटिंग करना भी दिमाग के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज है।
प्रकृति के करीब रहें: कुछ समय प्रकृति में बिताना, पार्क में टहलना या बागवानी करना भी मानसिक शांति देता है और दिमाग को तरोताजा करता है।
याद रखें ये आदतें सिर्फ World Brain Day 2025 के लिए नहीं हैं, बल्कि इन्हें अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाना है।
Published on:
22 Jul 2025 10:42 am
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
