Yoga: बदलते मौसम में रोज इन तीन आसनों से रहेंगे स्वस्थ
अब सर्दी खत्म हो रही है और हल्की गर्मी होने लगी है। ऐसे में बदलते मौसम में कुछ बीमारियां जैसे दमा, एलर्जी, जोड़ों में दर्द, खांसी, सर्दी-जुकाम आदि की आशंका बढ़ जाती है। नियमित कुछ योगासन किए जाएं तो मौसमी बीमारियों से बचाव हो सकता है।

1. भुजंगासन
भुजंगासन फेफड़ों के साथ कंधों को भी मजबूत करता है। दमा, गुर्दे और यकृत रोगों, कब्ज, गैस रोगों में विशेष लाभ देता है। लेकिन कमर या रीढ़ की हड्डी में दर्द है तो आधा भुजंगासन करना चाहिए। गर्दन में दर्द है तो गर्दन पर ज्यादा दबाव न दें। इस आसन को तीन-चार मिनट तक एक बार में कर सकते हैं।
2. भस्त्रिका प्राणायाम
यह फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। बदलते मौसम में एलर्जी आदि की दिक्कत उन्हीं लोगों में अधिक होती है जिनके फेफड़े कमजोर होते हैं। ऐसे में भस्त्रिका प्राणायाम बहुत उपयोगी है। यह फेफड़ों के साथ हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचाता है। अगर पहले से कोई बीमारी है तो उसमें भी राहत देता है। इसको एक बार में 5-10 मिनट तक जरूर करना चाहिए। अगर सुबह समय कम है तो दिन में 2-3 बार में कर लें। हृदय और बीपी के मरीज इसे धीरे-धीरे करें।
3. सर्वांगासन
इसे आसनों की जननी कहा जाता है। यह शरीर के हार्मोन तंत्र खासकर थायरॉइड और पैराथायरॉइड ग्रंथियों को नियंत्रित करता है। इससे सभी प्रकार की मौसमी बीमारियों के साथ लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है। यह आंख, कान, नाक और त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। कमर दर्द और स्पॉन्डिलाइटिस के रोगी इस आसन को न करें। आसन अपनी क्षमता के अनुसार ही करें।
इनका रखें ध्यान
अगर पहली बार इन आसनों को करने जा रहे हैं तो विशेषज्ञ से सलाह लें। अगर पहले से कोई परेशानी या बीमारी है तो अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही कोई योग-प्राणायाम शुरू करें।
ढाकाराम, वरिष्ठ योग विशेषज्ञ
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