
Mangal Vakri: वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह समय- समय पर वक्री और मार्गी होते हैं। ऐसे में जब ये ग्रह सीधे चलते हैं तो ये मार्गी कहलाते हैं। वहीं जब ये उल्टी चाल चलना शुरु कर देते हैं तब ये वक्री कहलाते है। ग्रहों की इन दोनों ही चालों का असर मानव जीवन और पृथ्वी पर पड़ता है।
ऐसे में इस महीने यानि अक्टूबर के अंत में देव सेनापति मंगल देव रविवार, 30 अक्टूबर को मिथुन राशि में वक्री retrograde Mars होने जा रहे हैं। जिसका असर सभी 12 राशियों पर देखने को मिलेगा। ऐसे में जहां कुछ राशि वालों को इसका लाभ मिलेगा तो वहीं कुछ राशि के जातक देवसेनापति retrograde Mars की इस चाल के चलते बड़ी परेशानियों में फंसते दिख रहे हैं। तो चलिए पहले जानते हैं राशिचक्र की पहली तीन राशियों यानि मेष, वृषभ और मिथुन पर देव सेनापति की इस चाल retrograde Mars का क्या असर पड़ेगा।
मेष राशि : Impact on Aries
मेष राशि के स्वामी मंगल स्वयं इस दौरान अपनी वक्री अवस्था में आपकी राशि के तृतीय भाव में गोचर करेंगे। कुंडली का तीसरा भाव पराक्रम व आपके छोटे भाई-बहनों का कारक होता है। देवसेनापति की इस चाल के चलते इस समयावधि में आपको अपनी वाणी में संयम रखना होगा, क्योंकि इस समय मंगल आपको बहुत आक्रामक और सीधा-स्पष्ट मुंह पर बोलने वाला बना देंगे। जिसके चलते आप किसी प्रकार के शारीरिक झगड़े में भी फंस हैं। उचित होगा कि इस दौरान अपनी ऊर्जा को नियंत्रण में रखें अन्यथा आप किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।
इसके अलावा इस दौरान आप अन्य लोगों के विवादों से भी दूरी बनाकर ही रखें। इस राशि के व्यवसायी जातकों को इस समय व्यापार में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिलने से ये अवधि आपके लिए अनुकूल तो रहेगी, पर इसी के साथ काम का दबाव आपको कुछ मानसिक तनाव दे सकता है। इस दौरान आप अपने प्रयासों से आप अच्छा धन लाभ कमाने में सफल रह सकते हैं।
उपाय:श्री हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
वृषभ राशि : Impact on Taurus
वृषभ राशि के दूसरे भाव में देवसेनापति मंगल वक्री होंगे। यह भाव धन व वाणी का माना गया है। ऐसे में मंगल आपको अपनी वाणी में मुंहफट व स्पष्टवादी बनाएंगे, आपकी इस वाणी के चलते दूसरे आपको असभ्य भी समझ सकते हैं। आपके इसी स्वभाव के चलते परिवार में तनाव व आपके साथ कुछ झगड़े भी हो सकते हैं। वहीं यदि किसी पारिवारिक संपत्ति को आप प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं, तो आपको इसके लिए अभी और इंतजार करना होगा।
वक्री मंगल मिथुन में होकर आपके प्रेम जीवन के लिए थोड़े प्रतिकूल साबित होते दिख रहे हैं, इसका कारण ये है कि आपकी कठोर वाणी और आपका अति अधिकारात्मक स्वभाव प्रेम संबंधों को प्रभावित करेंगे। इस दौरान आपको यूं तो कई यात्राओं का अवसर मिलेगा। परंतु ध्यान रहे ये यात्राएं आपको थकान दे सकती हैं या फिर आपके खर्चों में वृद्धि कर सकती हैं। वहीं विदेश में रहने वाले इस राशि के जातकों के लिए यह समय धन कमाने की अच्छी संभावनाएं बनाएगा। इसके साथ ही एमएनसी या विदेशी कंपनियों में काम कर रहे जातकों को भी यह मंगल विशेष रूप से फायदा देगा।
उपाय:गाय कोहल्दी और गुड़ मिश्रित आटा या आटे की लोई खिलाएं।
मिथुन राशि : Impact on Gemini
देवसेनापति मंगल आपकी ही राशि में वक्री रहेंगे, यानि ये आपके प्रथम मतलब लग्न भाव में रहेंगे। किसी भी राशि या कुंडली के लग्न से जातक का व्यक्तित्व और उसके जन्म से जुड़ी जानकारी मिलती है। ऐसे में देवसेनापति मंगल सर्वाधिक आपके ही जीवन को प्रभावित करेगा। ऐसे में अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहे साथ ही अपना पूरा ध्यान रखें। इस समय रास्तों पर संभलकर चलते व वाहन चलाते है सतर्कता की विशेष आवश्यकता रहेगी। इसका कारण ये है कि आपकी इस समय की गई एक छोटी सी गलती भी आपको गंभीर परेशानी में डाल सकती है। इस दौरान आपको अपने क्रोध और अहंकार पर भी नियंत्रण रखना होगा, वरना अक्रामक स्वभाव आपके रिश्तों में विवाद पैदा कर देगा। इस स्थिति का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव शादीशुदा जातकों के वैवाहिक जीवन पर पड़ने का संदेह है।
वहीं प्रेमी जातकों के प्रेम जीवन में रोमांस और प्रेम बना रहेगा। लेकिन शादीशुदा जातकों को जीवनसाथी के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना होगा, इसका कारण ये है कि मंगल आपके जीवनसाथी को कुछ शारीरिक परेशानियां दे सकता है। उचित होगा कि कुछ समय के लिए अपनी सभी यात्राओं को निरस्त कर दें। ध्यान रहे यह समय वाहन या घर खरीदने के लिए भी थोड़ा प्रतिकूल है।
उपाय:लाल फूल भगवान श्रीगणेश जी को अर्पित करें।
Published on:
15 Oct 2022 08:40 pm
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