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कितने होंगे आपके प्रेम प्रसंग, जानिए हाथ की इस रेखा से

locationभोपालPublished: Apr 27, 2020 06:14:53 pm

हस्त रेखाओं से पहचानें अपने प्रेम योग…

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हाथों की अंंगुलियों से लेकर रेखाओं तक हर चीज काफी कुछ बताती है, लेकिन जरूरत है तो केवल इसे समझने की। हाथ में बनने वाले कई निशान हमें कई तरह के संकेत देते हैं, जिनमें उम्र से लेकर आपके मन तक की बातें छुपी होती है।

इन्हीं सब बातों से जुड़ा एक शास्त्र है सामुद्रिक शास्त्र… जिसमें मुख, मुखमण्डल सहित पूरे शरीर के अध्ययन की विद्या है। भारत में यह यह वैदिक काल से ही प्रचलित है। वहीं गरुड पुराण में सामुद्रिक शास्त्र का वर्णन है।

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हस्तरेखा : लव अफेयर/प्रेम योग—-
सामुद्रिक शास्त्र के जानकारों की मानें तो हमारी हथेली में कुछ ऐसी रेखाएं हैं जो किसी को उसके से मिलाती है तो किसी को जीवन भर का दर्द दे जाती है। हस्त रेखा विज्ञान के जानकार वीडी श्रीवास्तव का मानना है कि…
: अगर हथेली में हृदय रेखा को कोई अन्य रेखा काटती हो तो प्रेमियों का मिलना मुश्किल होता है । हृदय रेखा लहरदार या जंजीर के समान दिखाई देती हो तब भी प्रेम में जुदाई का ग़म उठाना पड़ता है।
: यदि शुक्र पर्वत अधिक उठा हुआ हो, उस पर तिल का निशान हो या द्वीप हो तो प्रेमियों के बीच में परिवार की मान्यताएं और अन्य कारण बाधक बनते हैं जिससे प्रेमियों के मिलन में बाधा आती है।
: वहीं यदि आपकी हथेली में हृदय रेखा पर द्वीप का निशान हो, जीवन रेखा को कई मोटी मोटी रेखा काट रही हो या चन्द्र पर्वत अत्यधिक विकसित हो तो आपकी शादी उससे नहीं हो पाती है जिनके साथ आप जीवन बिताना चाहते हैं यानी यह रेखा इस बात संकेत देती है कि आपको मनपसंद जीवन साथी नहीं मिलने वाला है।
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: अगर हथेली दिखने में काली है और सख्त भी तो प्रेमी प्रेमिका में प्रेम पूर्ण सम्बन्ध नहीं रहता, क्योंकि उनके विचारों में सामंजस्य नहीं रहता। जिसके चलते प्रेमी प्रमिका स्वयं ही एक दूसरे से सम्बन्ध तोड़ सकते हैं। वहीं यदि गुरु की उंगली छोटी हो व मस्तिष्क रेखा का अंत चन्द्र पर्वत पर हो अथवा भाग्य रेखा और हृदय रेखा मोटी है तो परिवार के लोगों द्वारा प्रेमी प्रेमिका के बीच ग़लत फ़हमी पैदा होने से प्रेम के नाजुक सम्बन्ध में बिखराव आ जाता है।

: अगर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रेम की डोर टूटने वाली है तो कहीं आपकी हथेली में मंगल पर्वत और बुध के स्थान पर रेखाओं का जाल तो नहीं है अथवा भाग्य रेखा टूटी हुई या मोटी पतली तो नहीं है। अगर रेखाएं इन स्थितियों में हैं तो प्रेम दोनों को बिछड़ना पड़ता है।

: यदि आपकी हथेली में मस्तिष्क रेखा चन्द्र पर्वत की ओर हो या भाग्य रेखा व हृदय रेखा सामान्य से अधिक मोटी हो। तो इसका अर्थ ये है कि आपके बीच बात बात में तू-तू मैं -मैं होगी, स्थिति वहां तक पहुंच जाएगी कि आप एक दूसरे से अलग होना चाहेंगे, इसके अलावा इस स्थिति का कारण यह भी हो सकता है कि भाग्य रेखा कहीं मोटी कहीं पतली हो या बृहस्पति की उंगली सामान्य से छोटी हो।

समुद्रशास्त्र अनुसार हथेली में सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत का स्थान होता है। इसी बुध पर्वत के आखिरी में कुछ आड़ी गहरी रेखाएं होती हैं। जिन्हें विवाह रेखा कहा जाता है। माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति के प्रेम प्रसंग और वैवाहिक जीवन के बारे में हाथ की यही रेखा बताती है। हस्तरेखा शास्त्र जिसे पामेस्ट्री भी कहते हैं के जानकारों के अनुसार ये रेखा जितनी साफ होगी उतना ही वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा।

ऐसे जानें अफेयर!…
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हाथ में विवाह रेखा जितनी संख्या में होती है उतने ही व्यक्ति के जीवन में प्रेम प्रसंग होते हैं। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में 3 विवाह रेखा दिखा रहा है। जिसमें 2 छोटी और हल्की है तीसरी गहरी है।

तो इसका मतलब आपके 2 अफयेर रहेंगे और फिर शादी होगी। इन रेखाओं में जो रेखा लंबी और साफ है वह विवाह रेखा कहलाती है। अगर विवाह रेखा के बाद भी कोई रेखा बन रही है तो इसका मतलब आपका शादी के बाद भी अफयेर चल सकता है। अगर विवाह रेखा टूटी हो या कटी हुई हो तो विवाह विच्छेद की संभावना होती है। इस स्थिति में दूसरा विवाह भी हो सकता है।

आपका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा इस संंबंध में पता करने के लिए आपकी विवाह रेखा को देखना होगा, इसमें यदि…

:आपकी विवाह रेखा नीचे की तरफ झुकी हुई है तो दांपत्य जीवन में काफी परेशानी रहेंगी। विवाह के आरंभ में दो शाखाएं हो जाएं तो शादी टूटने की आशंका रहती है।

: किसी स्त्री के हाथ में विवाह रेखा के आरंभ में अगर द्वीप का चिन्ह हो तो इसका मतलब आपका विवाह धोखे से होता है

: यदि किसी व्यक्ति के हाथ में विवाह रेखा ह्रदय रेखा को काटते हुए नीचे की तरफ जाए तो व्यक्ति अपने लव मैरिज होने पर हमेशा परेशान रहता हैं।

: वहीं यदि विवाह रेखा के पास त्रिशूल के समान कोई चिन्ह दिखाई दे तो व्यक्ति अपने जीवन साथी से बहुत अधिक प्रेम करता हैं।

: विवाह रेखा पर किसी भी तरह का वर्ग के समान चिन्ह दिखाई दे तो लव मैरिज की संभावना बढ़ जाती है।

: माना जाता है कि जिन लड़कों के दाएं हाथ में एक विवाह रेखा होती है, उन्हें उनकी पत्नी बहुत प्यार करती है।

हस्तरेखा : प्रेम संबंधों के राज!- चरित्र व स्वभाव…
हस्तरेखा के जानकारों के अनुसार किसी भी स्त्री या पुरुष के प्रेम के बारे में पता लगाने के लिए उस जातक के मुख्य रूप से शुक्र पर्वत, हृदय रेखा, विवाह रेखा को विशेष रूप से देखा जाता है। इन्हें देखकर किसी भी व्यक्ति या स्त्री का चरित्र और स्वभाव जाना जा सकता है।

शुक्र क्षेत्र की स्थिति अंगूठे के निचले भाग में होती है। माना जाता है कि जिन व्यक्तियों के…
: हाथ में शुक्र पर्वत अधिक उठा हुआ होता है, उन व्यक्तियों का स्वभाव विपरीत सेक्स के प्रति तीव्र आकर्षण रखने वाला और वासनात्मक प्रेम की ओर झुकाव वाला होता है। वहीं यदि किसी स्त्री या पुरुष के हाथ में पहला पोर/पोरू बहुत छोटा हो और मस्तिष्क रेखा न हो तो वह जातक बहुत वासनात्मक होता है। वह विपरीत सेक्स के देखते ही अपने मन पर काबू नहीं रख पाता है।

: वहीं अच्छे शुक्र क्षेत्र वाले व्यक्ति के अंगूठे का पहला पोर/पोरू बलिष्ठ हो और मस्तक रेखा लम्बी हो तो ऐसा व्यक्ति संयमी होता है। माना जाता है कि यदि किसी स्त्री के हाथ में शुक्र का क्षेत्र अधिक उन्नत हो और मस्तक रेखा कमजोर और छोटी हो व अंगूठे का पहला पर्व छोटा, पतला और कमजोर हो, हृदय रेखा पर द्वीप के चिह्न हों साथ ही सूर्य और बृहस्पति का क्षेत्र दबा हुआ हो तो वह शीघ्र ही व्याकियारीणी हो जाती है।

: यदि किसी पुरुष के दाएं हाथ में हृदय रेखा गुरू पर्वत तक सीधी जा रही है और शुक्र पर्वत अच्छा उठा हुआ है तो वह पुरुष अच्छा व उदार प्रेमी साबित होता है। परन्तु यदि यही दशा स्त्री के हाथ में होती है और उसकी तर्जनी अंगुली अनामिका से बड़ी होती है तो वह प्रेम के मामले में वफादार नहीं मानी जाती है।

: यदि हथेली में विवाह रेखा और कनिष्ठा अंगुली के मध्य में दो-तीन स्पष्ट रेखाएं हो तो उस स्त्री या पुरुष के उतने ही प्रेम संबंध होते हैं।

: यदि किसी पुरुष की केवल एक ही रेखा हो और वह स्पष्ट व अन्त तक गहरी हो तो ऐसा जातक एक पत्निव्रता होता है और वह अपनी पत्नी से अत्यधिक प्रेम भी करता है। वहीं यदि विवाह रेखा अपने उद्गम स्थान पर गहरी और चौड़ी हो, परन्तु आगे चलकर पतली हो गई हो तो यह समझना चाहिए कि जातक या जातिका प्रारम्भ में अपनी पत्नि या पति से अधिक प्रेम करते हैं, परन्तु बाद में चल कर उस प्रेम में कमी आ गई है।

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